DESK : मध्य प्रदेश के गुना में पुलिस कस्टडी में दूल्हे की मौत के बाद हालत बेकाबू हो गए हैं। आज कलेक्ट्रेट में मृतक के परिवार ने जमकर हंगामा किया। कुछ महिलाओं ने कार्यालय में ही अपने उतारने शुरू कर दिए। उनका आरोप था कि पुलिस ने दूल्हे की हत्या की है।
इससे पहले महिलाएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचीं। कलेक्टर डॉ. सतेंद्र सिंह ने उनकी बात सुनी, इसके बाद वे बाहर आकर हंगामा करने लगीं। कुछ महिलाओं ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए। पुलिसकर्मियों से महिलाओं की झूमाझटकी हुई। महिलाओं की चूड़ियां टूट गईं। झूमाझटकी में कैंट थाने के टीआई को खरोंच आई है। एक पारदी महिला के सिर से भी खून निकलने लगा। कलेक्टर ने कुछ महिलाओं को दोबारा बुलाकर उनकी बात सुनी है।
क्या हुआ था रविवार को
पूरी घटना रविवार की है। धरनावदा थाना क्षेत्र में बीलाखेड़ी गांव के रहने वाले देवा उर्फ देवेंद्र पारदी की शादी रविवार को होने वाली थी। उस पर 7 केस दर्ज हैं। देवा की बारात गुना में गोकुल सिंह चक्क पर आने वाली थी। घर में शादी की रस्में चल रही थीं। दूल्हे के हाथों में भी मेहंदी लगी थी। इसी बीच, शाम 4: 30 बजे गुना पुलिस गांव पहुंची।
डकैती के केस में पूछताछ के लिए देवा और उसके चाचा गंगाराम पारदी को पुलिस उठाकर ले आई। चोरी के सामान की रिकवरी के लिए ले जाते समय अचानक देवा की तबीयत बिगड़ी। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सोमवार को पुलिस बल की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इसके बाद, परिजन ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। होने वाली दुल्हन निकिता (20) ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। वहीं, देवा की चाची ने भी खुद को आग लगा ली। हालांकि एसडीओपी ने उसे बचा लिया।
अब कभी नहीं होगी शादी
पारदी समुदाय में ऐसी कई अजीब परंपराएं हैं। इसके मुताबिक किसी लड़की की शादी तय होने के बाद होने वाले पति या शादी के बाद पति की मौत हो जाती है, तो लड़की को जीवनभर विधवा बनकर रहना पड़ता है। अब उसकी डोली कभी नहीं उठेगी। वह दूसरी शादी भी नहीं कर सकती। इसमें भी कई सख्त नियमों का पालन करना होता है।
दूल्हे पर था सात केस दर्ज
एडिशनल एसपी मान सिंह ठाकुर के मुताबिक, 'म्याना इलाके के भिड़रा गांव में हुई चोरी के संबंध में पूछताछ के लिए देवा पारदी और गंगाराम पारदी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। रविवार शाम दोनों को चोरी हुए सामान की रिकवरी के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान देवा के सीने में दर्द उठा। उसे म्याना के अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल लाया गया। यहां 45 मिनट तक उसका इलाज चला। सीपीआर भी दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।' देवा पर 7 अपराध दर्ज हैं।