Patna: प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय ने पत्र जारी किया था. पत्र में कहा गया था कि लॉक डाउन की वजह से बिहार में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आए हैं. उनमें सब को बिहार में रोजगार देना संभव नहीं है.ऐसे में प्रवासी मजदूर विधि व्यवस्था के लिए संकट खड़ा कर सकते हैं. बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखकर एहतियात बरतने का निर्देश दिया था.
मीडिया में खबर आने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय बैकफुट पर आ गई है. एक बार फिर से बिहार पुलिस मुख्यालय विधि व्यवस्था प्रभाग ने पत्र जारी किया है और कहा है कि बिहारी प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या में आमद के संबंध में प्रासंगिक पत्र भूलवश निर्गत हुआ था.
पुलिस मुख्यालय ने आगे कहा है कि इसे तत्काल वापस लिया जाता है. एडीजी लॉ एंड आर्डर अमित कुमार की तरफ से यह पत्र जारी किया गया है.पुलिस मुख्यालय ने पहला पत्र 29 मई की तारीख में जारी किया था।मीडिया में खबर आने के बाद जब विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया,इसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने 4 जून की तारीख में दूसरा पत्र जारी किया।इस पत्र में बताया गया कि भूलवश वह आदेश जारी हो गया था जिसे रद्द कर दिया गया है.
आपको बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने यह कहा था कि बिहार के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को वांछित रोजगार मिलने की संभावना नहीं है. ऐसी स्थिति में वे लोग अनैतिक एवं विधि विरुद्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इससे सूबे में अपराध में वृद्धि हो सकती है तथा विधि व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने सभी डीएम और एसपी को पत्र लिखा और कहा कि बिहार में प्रवासी मजदूरों की भारी आमद की वजह से गंभीर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है.