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मुचकुंद का आतंक खत्म, पुलिस एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात

मुचकुंद का आतंक खत्म, पुलिस एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात

PATNA : अभी-अभी राजधानी पटना से एक बड़ी खबर आ रही है। बिहार के कई जिलों का दुर्दांत अपराधी मुचकुंद उर्फ अभिषेक कुमार पुलिस की मुठभेड़ में मारा गया है। बताया जा रहा है कि पटना के रुपसपुर इलाके में पुलिसिया एनकाउंटर में वो मारा गया। मुठभेड़ में पटना पुलिस और एसटीएफ के जवान शामिल थे। लंब अर्से से पुलिस को उसकी तलाश थी। उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था। 

मुचकुंद का आतंक खत्म

मुचकुंद की मौत के साथ ही पुलिस ने राहत की सांस ली है। बता दें कि इसके पहले पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश बना रही थी और इसी क्रम में उसके कई खास गुर्गों को पुलिस ने पकड़ा भी था। मुचकुंद ने अपने कारनामे से पुलिस की नाक में दम कर रखा था। वो नौबतपुर के चेचौल गांव का रहनेवाला था। बता दें कि आईजी नैय्यर हसनैन खां ने नौबतपुर, बिक्रम व बिहटा आदि इलाकों के अपराधियों को धर-दबोचने के लिए अलग से एसओजी का गठन कर रखा है। 

अब माणिक, मनोज पर कसेगा शिकंजा

इन इलाकों में कई आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं, जिनमें एक मुचकुंद का गिरोह भी था। अभी भी माणिक और मनोज सिंह जैसे कई कुख्यात फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। कहा जा रहा है कि अब मुचकुंद के बाद इनलोगों पर शिकंजा कसेगा।

मुकेश के शहीद होने के बाद हरकत में आयी पटना पुलिस

बता दें कि हाल ही में मुचकुंद गिरोह के गुर्गों ने अपने साथी उज्ज्वल को छुड़ाने के दौरान पटना पुलिस के जवान मुकेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद कहा जा रहा था कि अब पुलिस उसे नहीं छोड़ेगी। कंकड़बाग इलाके में पुलिस को पता चला था कि मुचकुंद का खास गुर्गा उज्ज्वल छिपा हुआ है। इसके बाद ही पुलिस की टीम उसे दबोचने के लिए वहां पहुंची थी। 

पुलिस के जवान मुकेश ने उज्ज्वल को पकड़ भी लिया था लेकिन उज्ज्वल के दोस्तों ने मुकेश पर अंधाधुंध फायरिंग कर अपने साथी को छुड़ा लिया और फरार हो गये। इधर, अपराधियों की गोली से घायल मुकेश ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया और गुरुवार को मुचकुंद को मुठभेड़ में मार गिराया।  

इसके पहले मुचकुंद गिरोह के 3 शातिर हुए थे गिरफ्तार

राहुल शर्मा की गिरफ्तारी से पहले पटना पुलिस ने कुख्यात मुचकुंद गिरोह के 3 शातिरों को धर-दबोचा था। इसमें एक मुचकुंद का भाई विभास उर्फ सुड्डू भी शामिल था। बाकी दो अपराधियों का नाम कौशलेंद्र और कुणाल था। तीनों अपराधी मुचकुंद की गैर मौजूदगी में रंगदारी वसूलने का काम करते थे। तीनों की गिरफ्तारी नौबतपुर इलाके से हुई थी।

लूलन को मारने के बाद कुख्यात बना मुचकुंद  

अपराधी मुचकुंद के बारे में बताया जाता है कि वो दिनदहाड़े नौबतपुर के बड़े अपराधी लूलन शर्मा को गोलियों से भून डाला था। मौके पर ही लूलन की मौत हो गयी थी। इससे पूरे इलाके में मुचकुंद का दबदबा कायम हो गया और वो कुख्यात मुचकुंद के नाम से जाना जाने लगा। नौबतपुर के एक दवा व्यवसायी दीपू कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस वारदात में भी मुचकुंद गिरोह का नाम सामने आया। 

मुचकुंद को घेरने के लिए ही पुलिस ने उसके घर की कुर्की-जब्ती की थी। मुचकुंद के पिता को पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया था। मुचकुंद का दबदबा पटना, नौबतपुर, बिहटा, विक्रम, आरा व अन्य इलाकों में भी था। हत्या, रंगदारी और जमीन पर कब्जा करना मुचकुंद का मुख्य पेशा था। 


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