CHHAPRA : खाताधारकों के करोड़ों रूपये गबन करनेवाले डाकघर एजेंट के खिलाफ एक सप्ताह बाद ही सही, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। इस मामले को लेकर खाताधारक निसार अहमद ने थाने में आवेदन दिया था। इसके बाद सैकड़ों लोगों का करोड़ों रुपए लेकर फरार डाकघर एजेंट और उसके सहयोगी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गयी है। इधर भगवान बाजार थाने में पीड़ित अश्वनी पांडे के दिए गए आवेदन पर एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पता नहीं भगवान बाजार थाना किस बात को लेकर मंथन कर रही है और अभी तक एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है। नगर थाने में दर्ज एफ आई आर ने डाकघर की कार्यशैली की पोल खोलने शुरू कर दी है।
एजेंट और डाक कर्मी की मिलीभगत की आरोप
अपने आवेदन में गुदरी बाजार सलापत गंज निवासी खाताधारक और पीड़ित निसार अहमद ने कहा है कि उन्होंने 2014 में छपरा डाकघर में आरडी खाता खुलवाया था,जो वर्ष 2019 में मैच्योर हो गया था। जिसका कुल रकम करीब 5 लाख 40 हज़ार रूपये था । खाता का संचालन एवं खुलवाने का कार्य डाकघर का कथित एजेंट व दौलतगंज अग्रवाल पट्टी निवासी धीरज कुमार अग्रवाल करता था। चुकी पैसों की आवश्यकता थी। इसके लिए एक बचत खाता भी खुलवा लिया था, जिसके लिए एजेंट धीरज कुमार अग्रवाल ने छपरा हेड पोस्ट ऑफिस डाक घर में बुलवाया था। वहां एक डाक कर्मी राकेश कुमार जो डाकघर में अंदर काउंटर पर बैठा था। धीरज कुमार अग्रवाल के कहने पर अंदर बुलाया और तीन निकासी प्रपत्र हस्ताक्षर करवा लिया, जो कि धीरज ने अपने पास रख लिया। धीरज ने कहा था की खाता खोलने पर अगले दिन आरडी खाता का सारा पैसा बचत खाता में निकासी प्रपत्र के माध्यम से आ जाएगा। इसके बाद खाताधारक अपने घर वापस आ गया। फिर 27 दिसंबर 2021 को जब खाताधारक डाकघर गया तो पैसा निकालने के क्रम में पता चला की बचत खाता से 25 नवंबर को 2 लाख रूपये, 26 नवंबर को एक लाख 70 हज़ार रूपये तथा 27 नवंबर को फिर एक लाख 70 हज़ार रूपये कुल 5 लाख 40 हज़ार रूपये धीरज कुमार अग्रवाल ने अपने साथी डाक कर्मी राकेश कुमार की मदद से निकाल लिया है, जिसकी न तो कोई सूचना और ना ही कोई मैसेज खाताधारक को दिया गया। उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के द्वारा एक साजिश के तहत रुपए का गबन एवं खाताधारक के साथ विश्वासघात किया गया है। राशि निकासी की जानकारी होने के बाद जब खाताधारी निसार धीरज अग्रवाल के घर पर गया तो पता चला कि वह 500 से अधिक लोगों का करोड़ों रुपया लेकर फरार हो चुका है। इसके बाद डाक कर्मी राकेश कुमार के घर गया तो डाककर्मी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि आप खुद धीरज से बात कीजिए।
वित्तीय जांच एजेंसियों का डर, बड़े डिपाजिटर नहीं आ रहे सामने
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह सामने आ रही है कि एजेंट धीरज के माध्यम से शहर के 25 ऐसे बड़े खाताधारक है जिनका 20 से 70 लाख रुपए तक जमा किया गया था। लेकिन ऐसे खाताधारक अपनी मुंह नहीं खोल रहे हैं। इसके पीछे वित्तीय जांच एजेंसियों का डर बताया जा रहा है। ऐसे खाताधारकों का कहना है कि यदि हम ज्यादा जांच पड़ताल के चक्कर में पड़ेंगे तो पता चलेगा कि ईडी और इनकम टैक्स जैसी संस्थाएं हाथ धोकर पीछे पड़ गई।
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट