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पुलिस पर संगीन इल्जाम, युवती को बयान बदलने के लिए दी जा रही धमकी

पुलिस पर संगीन इल्जाम, युवती को बयान बदलने के लिए दी जा रही धमकी

मुझे न्याय चाहिए...मुझे मेरा बच्चा दिलवा दीजिए...नहीं तो मैं मर जाऊंगी...जी हां, वो रो रही है, गिड़गिड़ा रही है...इंसाफ मांग रही है लेकिन उसे इंसाफ दिलवाने की बजाए बयान बदलने के लिए दबाव दिया जा रहा है। उसे डराया जा रहा है, धमकाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बयान बदल दो...तो हम बच्चा तुमको दिलवा देंगे...जी हां, ये कहना है पटना के बेऊर थाना के इंस्पेक्टर का। पीड़ित लड़की थाना प्रभारी पर सीधा आरोप लगा रही है कि उसे बयान बदलने के लिए वो दबाव दे रहे हैं। पीड़िता की माने तो उसे इंस्पेक्टर द्वारा बयान लिखकर दिया गया है। उससे कहा गया है कि अगर तुमने ऐसा बयान नहीं दिया तो तुम्हें जेल हो जायेगा। तुमने अगर अपने पिता की बात मानी तो तुम जेल चली जाओगी। अब पूरी कहानी जानते हैं कि आखिर पीड़िता के साथ ऐसा क्या हो गया है कि उसे बयान बदलने के लिए खाकी को दबाव डालना पड़ रहा है। 


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दरअसल आकांक्षा की ये दर्द भरी कहानी 2010 से शुरू होती है। 2010 में पटना में उसकी मुलाकात कुमार गौरव से होती है। कुमार गौरव गर्दनीबाग का रहनेवाला है। धीरे-धीरे दोनों की ये मुलाकात प्यार में बदल जाती है। दोनों एक-दूसरे को चाहने लगते हैं। इधर, 2012 में आकांक्षा मेडिकल की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली जाती है। गौरव भी उसके पीछे-पीछे दिल्ली पहुंच जाता है। फिर दोनों साथ रहने लगते हैं। बाद में, 10 जून, 2013 को दोनों हाजीपुर में एक मंदिर में शादी कर लेते हैं फिर दिल्ली जाकर 15 जून, 2013 को दोनों अपने घरवालों को बिना बताए मजनूं का टीला स्थित आर्य समाज मंदिर में शादी करते हैं। सबकुछ ठीक ही चल रहा था। इस बीच 6 अक्टूबर, 2014 दोनों को एक बेटी हो जाती है। गौरव के घरवाले 9 दिसंबर को आकांक्षा की बेटी को पटना ले आते हैं और आकांक्षा से बोलते हैं कि तुम कुछ काम नहीं करोगी तो घर का खर्चा कैसे चलेगा ? इस तरह आकांक्षा को धीरे-धीरे उसकी बेटी से अलग कर दिया जाता है और साथ ही उसे प्रताड़ित भी किया जाता है।

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आकांक्षा का आरोप है कि उसका पति कुछ नहीं करता है और उसके कमाए पैसे पर ही मौज-मस्ती करता है। गौरव के घरवाले भी उसे कुछ नहीं बोलते हैं और मुझे ही प्रताड़ित करते हैं। आकांक्षा का आरोप है कि 10 मई, 2018 को गौरव उसके घर आता है और उसके मम्मी-पापा का सारा ज्वेलरी लेकर चला जाता है। उस दिन आकांक्षा के मम्मी-पापा कहीं बाहर गये थे। बाद में आकांक्षा के पिता बेऊर थाना में गौरव के खिलाफ मामला दर्ज कराते हैं। अब आकांक्षा न्याय चाह रही है। ससुरालवालों से बेटी मांग रही है। उसका कहना है कि जिसकी गलती है उसे सजा मिले। 

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वो अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। वो अपने पति पर मारपीट व चोरी करने का इल्जाम लगा रही है। इसी सिलसिले में वो बेऊर थाना गयी थी, जहां से उसे बयान दर्ज करवाने कोर्ट भेजा गया। इस पूरे मामले में बेऊर थाना के इंस्पेक्टर रंजन कुमार की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। आकांक्षा की माने तो इंस्पेक्टर कुमार गौरव के घरवालों को सपोर्ट कर रहे हैं और उसके खिलाफ केस उठाने का दबाव बना रहे हैं। अब सच्चाई क्या है ये तो जांच के बाद ही पता चल पायेगा ?          

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