न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : पुलिस का काम होता है पब्लिक की रक्षा करना। पर जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो सिस्टम का क्या होगा?? कुछ ऐसा ही मामला उत्तराखंड के देहरादून से सामने आया है. जहां एक लूट की घटना ने पूरे पुलिस विभाग को शर्मसार कर दिया है.
यहां सब इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों ने आईजी गढ़वाल अजय रौतेला की आधिकारिक गाड़ी का इस्तेमाल कर के देहरादून में एक बिजनसमैन से 1 करोड़ रुपये की वसूली की है. चुनावी मौसम में आचार संहिता के लागू होने पर बेहिसाबी नकद की जब्त करने के नाम पर लूटपाट की. आईजी के ड्राइवर ने पुलिसकर्मियों को गाड़ी ले जाने की इजाजत दी थी.
बताया जाता है कि 4 अप्रैल को आईजी गढ़वाल की आधिकारिक कार में मौजूद पुलिसकर्मियों ने राजपुर रोड पर बिजनसमैन की कार रोक दी और अचार संहिता के नाम पर 1 करोड़ रुपये से भरा बैग 'जब्त' कर लिया। घटना के कुछ दिन बाद जब बिजनसमैन ने इनकम टैक्स विभाग और पुलिस से अपने पैसों की जानकारी लेने के लिए संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कहा कि पहली नजर में यह सामने आता है कि प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा जिसने आधे घंटे पहले ही बिजनसमैन को पैसे दिए थे, वह आरोपियों से मिला हुआ था।
जिसके बाद अनुपम और तीन अज्ञात युवकों के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान सब इंस्पेक्टर दिनेश सिंह नेगी, कॉन्स्टेबल हिमांशू और आईजी गढ़वाल के ड्राइवर मनोज के रूप में की. डीजी लॉ ऐंड ऑर्जर अशोक ने बताया कि तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. एसटीएफ पूरे मामले की जांच में जुटा है.