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मुजफ्फरपुर में राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज : चर्चित पार्षद नंदू बाबू ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए मेयर से मांगा इस्तीफा

मुजफ्फरपुर में राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज : चर्चित पार्षद नंदू बाबू ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए मेयर से मांगा इस्तीफा

MUZAFFARPUR : आगामी नगर सरकार कि चुनाव के मद्देनजर मुजफ्फरपुर शहर का राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। शहर के नेता एवं जनप्रतिनिधि  एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का ठीकरा फोड़ रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों प्रेस वार्ता कर नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने नगर आयुक्त पर कई सारे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर आयुक्त किसी का नहीं सुनते हैं जिसके कारण शहर में खोदे गए गड्ढे से लोगों को काफी समस्याएं हो रही है जिसको लेकर 19 मई को बंदी बुलाई गई थी। इसके बाद विधायक ने इस बंदी की तिथि को 19 मई के बदले 24 मई को कर दिया गया है। 

नगर विधायक को बताया असफल

इस बंदी को असफल बताते हुए मुजफ्फरपुर के चर्चित वार्ड पार्षद नंद कुमार उर्फ नंदू बाबू ने कहा है कि जनता ने 19 मई को होने वाले मुजफ्फरपुर बंद का समर्थन नहीं मिला तो इसकी तिथि डिप्टी सीएम का नाम लेते हुए 24 मई को कर दिया गया है जो 24 मई को भी सफल नहीं होगा। इसके साथ ही वह नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्री के तारीफों में बांधा पुल कहा युवा आईएएस है। दिन-रात मुजफ्फरपुर शहर के लिए 24 घंटा पार्षद से मिलकर कार्य करते हैं ऐसे नगर आयुक्त को हटाने को लेकर मेयर और नगर विधायक लगे हुए हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य है कि कमीशन न मिलने पर इस तरह का ड्रामा कर रहे हैं आईएएस गलत कार्य करने वाले में से नहीं है। 

इसलिए मेयर कहते हैं कि हमारा नगर आयुक्त नहीं सुनते हैं स्मार्ट सिटी लिमिटेड मुजफ्फरपुर के अधिकारी नहीं सुने तो स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डायरेक्टर के पद से जब उन्होंने इस्तीफा दिया है तो नगर आयुक्त भी नगर निगम में नहीं सुनते हैं तो उन्हें महापौर के पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए तभी जनता माफ करेगी वरना जनता का क्रोध झेलना पड़ेगा आगामी चुनाव में। 


अभी तबादले से अटक जाएंगे कई काम, बारिश में होगी समस्या

पार्षद नंदू बाबू ने कहा कि इस बार पूरी तरह से शहर डूब जाएगा जैसा पहले नहीं डूबा था उससे भी ज्यादा चल जवाब होगा क्योंकि शहर के चारों तरफ नाला बनाने को लेकर गड्ढे खोदे गए हैं ऐसे में नगर आयुक्त का तबादला होता है तो आने वाले नगर आयुक्त को समझने में ही 6 महीना लग जाएगा जिसके कारण भयानक जलजमाव की समस्या शहरवासी को झेलना पड़ेगा जिसका जिम्मेदार नगर के विधायक विजेंद्र चौधरी और महापौर राकेश कुमार होंगे। 

नगर विधायक के कारण देर से शुरू हुआ स्मार्ट सिटी का काम

इसके साथ ही विधायक विजेंद्र चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी का कार्य करने का कार्य 2017 में ही शुरू हो जाना चाहिए था लेकिन नगर विधायक और उनके गुर्गे के द्वारा कमीशन न मिलने के कारण ऑल तत्कालीन नगर विकास मंत्री एवं नगर विधायक सुरेश कुमार शर्मा को हराने के लिए साजिश रच कर टालमटोल करते करते कार्य शुरू नहीं होने दिया और समय बिता दिया। जब एक स्वच्छ छवि के आईएएस विवेक रंजन मैत्रे स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू करवाए तो उसमें भी विधायक और उनके गुर्गे कमीशन के लिए अड़चन डाल रहे हैं। जनता सब देख रही है।

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