DESK: मंगलवार का दिन बिहार की राजनीति और बिहार विधानसभा के इतिहास में शर्मनाक दिन के तौर पर गिना जाएगा. बिहार विधानसभा में जो हुआ वह ना तो किसी ने सोचा था और ना ही कभी ऐसा होने की किसी ने कल्पना की थी. भारी हंगामा और विधायकों की पिटाई के बाद से पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. विपक्ष के नेताओं ने देर शाम विधानसभा में भारी हंगामा किया, जिसके बाद वहां पुलिस बल को बुलाना पड़ा. पुलिस बल ने विधायकों को खींच- खींचकर बाहर निकाला. इस घटना के बाद से बिहार की राजनीति गरमा गई है और पक्ष विपक्ष दोनों के ही तेवर कड़े हो गए हैं.
इसी घटना के आलोक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर अपनी बात रखी है. जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘कुछ आतंक परस्त लोग नहीं चाहते कि बिहार सुरक्षित रहे इसलिए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध की आड़ में सदन के अंदर स्पीकर को बंधक बना लिया गया. प्रदर्शन के नाम पर जनता को परेशान किया गया.’ इसके साथ ही उन्होंने यह साफ-साफ कहा कि ‘कल की घटना एक सोची समझी साजिश का परिणाम थी’ और उन्होंने इस पूरे मामले की ‘उच्चस्तरीय जांच करने का की मांग की’.
आपको बता दें कि मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही हंगामे की वजह से कई बार स्थगित करनी पड़ी. पुलिस विधेयक को लेकर विपक्ष के हंगामे की वजह सदन दिन में चार बार स्थगित हो चुका था. पांचवी बार जब 4.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू करने के लिये घंटी बजी उसी वक्त विपक्ष के तमाम विधायक विधानसभा अध्यक्ष के दरवाजे पर पहुंच गये और उन्हें एक तरह से बंधक बना लिया. बिगड़ते हालात के मद्देनर विधानसभा में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. मौके पर हंगामा बढ़ने की वजह से पुलिस ने माननीय विधायकों को घसीट-घसीट कर बाहर फेंकना शुरू कर दिया. जिसमें किसी के हाथ में चोट आई तो किसी का पैर में तो किसी के पीठ और गाल लाल हो गए. इसी के बाद देर शाम तक विधानसभा की ऐसी ही स्थिति बनी रही और भारी हंगाामे के बीच बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को पास करा दिया गया.