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सियासी सुनामी : संघ की क्लास में कांग्रेसी गुरु प्रणव मुखर्जी सुनाएंगे कहानी

सियासी सुनामी : संघ की क्लास में कांग्रेसी गुरु प्रणव मुखर्जी सुनाएंगे कहानी

NEWS4NATION DESK : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के एक फैसले से देश की राजनीति में सियासी सुनामी आ गयी है। खांटी कांग्रेसी नेता प्रणव मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होंगे। 7 जून 2018, इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेगा। वे संघ के मुख्यालय, नागपुर जाएंगे। संघ शिक्षा वर्ग के तीसरे वर्ष के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। प्रणव मुखर्जी के कार्यालय ने इस बाती की पुष्टि कर दी है। वे नागपुर में दो दिनों तक रहेंगे। आरएसएस ने उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिेए न्योता दिया था जिसे उन्होंने स्वीकर कर लिया।

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संघ शिक्षा वर्ग  तीसरा साल पास करने के बाद ही कोई स्वयंसेवक पूर्णकालिक प्रचारक बन पाता है। इस कार्यक्रम में संघ का कोई दिग्गज नेता शामिल होता तो ये बात स्वभाविक होती। लेकिन ता उम्र कांग्रेस की राजनीति करने वाले नेता को अगर इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में बुलाया जाय तो हैरान होना लाजिमी है। प्रणव मुखर्जी एक समय कांग्रेस में इतने प्रभावशाली थे कि वे प्रधानमंत्री बनने के करीब पहुंच गये थे। कांग्रेस ने ही उन्हें राष्ट्रपति के सम्मित पद तक पहुंचाया था।

आरएसएस के नाम पर कांग्रेस ने अब तक हेट पोलिटिक्स’ की है। इन सब के बावजूद अगर प्रणव मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में जा रहे हैं तो ये उनका बहुत ही साहसिक फैसला माना जाएगा।

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खबरों के मुताबिक जब प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति थे तब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उनसे मुलाकात की थी। ये दिसम्बर 2015 की बात है। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद मोहन बागवत की राष्ट्रपति से इस मुलाकात पर कई अटकलें भी लगायी गयीं थीं। जब मोहन भागवत, प्रणव मुखर्जी से मिले को उन्होंने संघ के बारे में विस्तार से जानने की इच्छा जतायी थी। मोहन भागवत को ये बात याद थी। जब संघ शिक्षा वर्ग का कार्यक्रम बना तो उन्हें इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। वैसे जून 2017 में भी मोहन भागवत, प्रणव मुखर्जी से मिले थे।

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