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पाकिस्तान में नए मोड़ पर सियासत, इमरान का अब क्या होगा, पढ़िए पाक सियासी संकट पर बड़ी खबर

पाकिस्तान में नए मोड़ पर सियासत, इमरान का अब क्या होगा, पढ़िए पाक सियासी संकट पर बड़ी खबर

DESK. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने अहम सत्र की अध्यक्षता की। विपक्ष के सदस्य जब सदन में पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया। 

अविश्वास प्रस्ताव को वोटिंग होने से पहले ही खारिज कर दिया गया। इसके साथ ही इमरान खान ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की भी सिफारिश कर दी है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री इमरान खान की संसद और सभी राज्यों की विधानसभा भंग करने की सिफारिश मंजूर कर ली है। 

अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को गिराने की एक विदेशी साजिश थी जिसे नाकाम कर दिया गया है। विपक्ष को खान को सरकार से बाहर करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत थी. उन्होंने दावा किया था कि उनके पास 177 सदस्यों को समर्थन है। संयुक्त विपक्ष ने 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसके बाद मतदान का दिन तय करने को लेकर कई घटनाएं हुईं और तनाव बढ़ा, क्योंकि खान ने दावा किया कि उन्हें विपक्ष के शीर्ष नेताओं के सहयोग से ‘विदेशी साजिश' के तहत निशाना बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों, खासकर युवाओं से शनिवार को अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘‘विदेशी षड्यंत्र'के खिलाफ रविवार को ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन' करें।


इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे और उनके दो सहयोगी दलों ने उनका साथ छोड़ विपक्षी खेमे का दामन थाम लिया है। खान ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक खेलेंगे तथा रविवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘विदेशी षड्यंत्र'के खिलाफ ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन' करें। पाकिस्तान में आजतक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है और न ही किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है।

इस बीच विपक्षी दलों ने सरकार के फैसले को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट अब इस मामल में देर शाम तक कोई बड़ा फैसला दे सकता है. वहीं अगर संसद भंग करने के फैसले पर कोर्ट की मुहर लगती है तो पाकिस्तान में अगले 90 दिनों के भीतर चुनाव हो सकते हैं. हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि अब पाकिस्तान की सेना वहां सियासत में एंट्री माने तो सत्ता को परोक्ष तरीके से हथिया ले. 


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