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शिक्षक भर्ती पर सियासत तेज, मांझी के बाद चिराग भी सरकार पर हुए गरम, कहा - बैकडोर से की गई ज्यादातर नियुक्तियां, कई योग्य हुए दरकिनार, हो जांच

शिक्षक भर्ती पर सियासत तेज, मांझी के बाद चिराग भी सरकार पर हुए गरम, कहा - बैकडोर से की गई ज्यादातर नियुक्तियां, कई योग्य हुए दरकिनार, हो जांच

PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी 1.70 पदों पर हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है। जहां एक तरफ बिहार की नीतीश-तेजस्वी की सरकार इसे अब तक सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है। वहीं दूसरी तरफ परिक्षा परिणामों को लेकर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इसे लैंड फॉर जॉब स्कैम से बड़ा घोटाला बता दिया है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 1.70 लाख पदों पर हुई शिक्षक बहाली परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है। 

वहीं दूसरी तरफ मांझी के सुर में सुर मिलाते हुए अब चिराग पासवान ने परीक्षा भर्ती परिणामों को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। चिराग ने दाव किया कि बीपीएससी शिक्षक बहाली के रिजल्ट में धांधली की गई है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बैकडोर यानी पिछले दरवाजे से लोगों को नौकरियां दी हैं। शिक्षक बहाली में भ्रष्टाचार हुआ है। 

इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षक बहाली में गड़बड़ी तो हुई है। सीएम नीतीश कुमार के शासनकाल में पारदर्शिता से होता है। हर जगह एक बैकडोर खुला रहता है कि किस तरीके से भ्रष्टाचार के जरिए अपने लोगों की नियुक्ति हो। यही कारण है कि इतने सालों से नियुक्तियां लंबित होने के बावजूद आक्रोश देखने को मिलता है। 

विरोध कर रहे शिक्षकों का किया समर्थन

चिराग पासवान ने नीतीश सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों का भी समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक नियुक्ति की पूरी होगी  या नहीं, आशंका है कि विवादों में उलझकर रह जाएगी।

मुख्यमंत्री नहीं है गंभीर

चिराग ने शिक्षक बहाली में गड़बड़ी की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार होती तो तुरंत इसका हल निकाला जाता। मगर जिन्हें यह काम करना है, न तो उस विभाग के मंत्री और न ही मुख्यमंत्री इस दिशा में गंभीर हैं। सीएम नीतीश को इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता, वे जातियों में समाज को बांटने में लगे हुए हैं।

मांझी ने भी बड़े घोटाले का लगाया आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार पर बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति में रेलवे के लैंड फॉर जॉब की तरह घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो मांझी ने कहा कि शइक्षक नियुक्ति में आरक्षण की अनदेखी कर 'मनी फॉर जॉब' स्कीम के तहत अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियां बांटी गई हैं।  

उन्होंने कहा कि आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है। “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो नवंबर को पटना के गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। नीतीश सरकार अब तक की सबसे बड़ी शिक्षक बहाली को सफल आयोजन बताने में जुटी है। लेकिन दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थियों के विरोध और विपक्ष के आरोपों के बाद अब इस पर राजनीति तेज हो गई है।


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