बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

राम पर भड़की सियासतः मांझी बोले- मैं 200 फीसदी अपने बयान पर कायम, बचौल ने कहा- अपना नाम बदलकर जीतन ‘राक्षस’ मांझी रख लें

राम पर भड़की सियासतः मांझी बोले- मैं 200 फीसदी अपने बयान पर कायम, बचौल ने कहा- अपना नाम बदलकर जीतन ‘राक्षस’ मांझी रख लें

PATNA: बीते दिन जनता दरबार में भगवान राम के अस्तित्व को नकारने के बाद जीतन राम मांझी बिहार की सहित देश की राजनीति में खासा चर्चा में आ गए हैं। एनडीए के घटक दल में होने के बावजूद बीजेपी और जदयू के नेता उन पर आक्रमक है और लगातार माफी मांगने को कह रहे हैं। इसी बीच मांझी ने एक बार फिर मीडिया में सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि वह अपने पिछले बयान पर 200 फ़ीसदी कायम है और मैं दोबारा कहता हूं कि मैं राम के अस्तित्व को नहीं मानता हूं।

बचौल ने नाम से राम हटाने की दे दी सलाह

भगवान राम के अस्तिस्व पर सवाल खड़ा करने के बाद जीतन राम मांझी खासा चर्चा में आ गए हैं। इसपर बीजेपी के फायर ब्रांड विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने करारा पलटवार किया है। उनका कहना है कि उनके बयान में ही उनका जवाब है। जीतन राम मांझी के माता-पिता ने उनका नाम को जीतन राम मांझी क्यों रखा? जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं रख लिए। राम का अस्तित्व ना होता तो उनके माता-पिता इस शब्द का इस्तेमाल ही नहीं करते।


इस बयान के लिए माफी मांगे मांझी

हरिभूषण ठाकुर बचौल आगे कहते हैं कि मांझी जी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। उनकी आराध्या शबरी मां की कहानी भी श्रीराम से जुड़ी है। अब क्या वो उनका अस्तित्व भी नकार देंगे। मेरा निवेदन हैं कि व इस बयान के लिए माफी मांगे। सभ जानते हैं कि राम से विरोध करने वाले के कुल-खानदान में कोई नहीं रहता है। वहीं एनडीए के घटक दल में साथ होने पर कहा कि साथ तो भाई भी रहता है। मगर जब भाई गलत कर सकता है तो यहां तो उनकी पार्टी भी अलग है।

बयान पर 200 फीसदी कायम हैं मांझी

बुधवार को रोजिना नाजिश की उम्मीदवारी पर्चा भरवाने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जीतन राम मांझी सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस दौरान उनके राम के बयान के बारे में उनसे दोबारा पूछा गया तो उन्होनें कहा कि मैं अपने बयान पर एक नहीं 200% तक कायम हूं। जिस को जिस रूप में राम को मानना है मान सकते है। मैं उन्हें नहीं मानता हूं। उन्होंने कहा कि कौन मेरे बारे में क्या बोलता है इससे हमें फर्क नहीं पड़ता है। यह आस्था का विषय है लेकिन जिस रूप में लोग राम को मानते हैं, मैं उस रूप में नहीं मानता। रामायण में कई अशुद्धियां हैं।

रामायण की नीतियों का अनुश्रवण करें लोग

आगे जीतन राम मांझी कहते हैं कि राम का अस्तित्व और उनपर विश्वास करना अपनी-अपनी आस्था की बात है। कोई भगवान को मानता है, कोई प्रकृति को, कोई अपनी ईमानदारी को मानते हैं, तो वहीं कई लोग अपने कर्त्तव्य को सबसे बड़ा मानते हैं। उसी प्रकार से राम को जिस रूप में सभी मानते हैं, उस रूप में नहीं मानते हैं। अच्छा काम, अच्छी नीतियां उन्होनें बताई हैं, जिसका लोगों को अनुश्रवण करना चाहिए। चीजों को देखने का अपना-अपना नजरिया है। रामायण महाकाव्य है। उसमें कई बातें और सूक्तियां कही गई हैं। रामायण में लिखी अच्छी बातों को मानना चाहिए।


Suggested News