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पटना के स्वास्थ्य केंद्रों की लापरवाही के कारण बढ़ रहा प्रदूषण, बायोमेडिकल कचरा निपटान नहीं करने वाले हो जाएं सावधान

पटना के स्वास्थ्य केंद्रों की लापरवाही के कारण बढ़ रहा प्रदूषण, बायोमेडिकल कचरा निपटान नहीं करने वाले हो जाएं सावधान

पटना. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने पटना के करीब 138 स्वास्थ्य केन्द्रों को बायोमेडिकल कचरे के उचित निपटान नहीं करने को लेकर सख्त चेतावनी दी है. अगर 138 स्वास्थ्य केंद्र लगातार इसी तरह उल्लंघन करते रहे तो उन्हें बंद भी कराया जा सकता है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन सभी 138 स्वास्थ्य सेवा केंद्रों की सूची जारी की है जो दिशा-निर्देशों को पूरा करने में असफल रही हैं. अगर इन केंद्रों की ओर से नियमों का पालन नहीं किया गया तो सभी केंद्र बंद हो जाएंगे. बोर्ड ने सभी केंद्रों को कहा है कि एक पखवाड़े के भीतर अपनी अग्रतर रिपोर्ट दे. 

बीएसपीसीबी के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष के अनुसार पटना जिले में 304 स्वास्थ्य केंद्रों को कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एंड डिस्पोजल सुविधा (सीबीडब्ल्यूटीएफ) के साथ गैरअनुबंधित पाया गया. हालांकि इन केंद्रों ने बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन विनियमन 2016 के तहत बीएसपीसीबी से प्राधिकार प्राप्त कर रखा है. बोर्ड ने इन केंद्रों नियमों का पालन करने के लिए नोटिस भी जारी किया था लेकिन 138 केंद्रों ने नोटिस स्वीकार नहीं किया जिस कारण वे वापस बोर्ड के पास आ गए. 


दरअसल, राज्य में कुल चार सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार और निपटान सुविधा केंद्र हैं. पटना में दो और मुजफ्फरपुर और भागलपुर में एक-एक केंद्र है. ये केंद्र बायोमेडिकल कचरे को इकट्ठा करने के लिए अपने वाहन स्वास्थ्य केंद्रों में भेजते हैं. इन वाहनों में मेडिकल अपशिष्ट को सीबीडब्ल्यूटीएफ तक लाया जाता है जहाँ तय मानकों के अनुरूप उनका प्रसंस्करण किया जाता है. इसके लिए सीबीडब्ल्यूटीएफ सभी स्वास्थ्य केंद्रों से एक निर्धारित शुल्क भी लेता है.

हालांकि बड़ी संख्या में अस्पताल, क्लिनिक और पैथोलोजी प्रयोगशालाओं द्वारा नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए मेडिकल अपशिष्ट को सार्वजनिक स्थलों पर नष्ट किया जाता है जो आम लोगों के जीवन के लिए बेहद खतरनाक होता है. खासकर मेडिकल अपशिष्ट कई प्रकार के प्रदूषण का कारण बनता है जो लोगों की जिंदगी के लिए बेहद खतरनाक है. खासकर बारिश के महीने में मेडिकल अपशिष्ट बेहद खतरनाक हो जाता है जो कई प्रकार के प्रदूषण और जीवन के लिए हानिकारक बनता है. 

बोर्ड की ओर से कहा गया है कि अगर इन 138 स्वास्थ्य केंद्रों की ओर से अगले 15 दिनों के भीतर अपनी अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.  बोर्ड उनके लाइसेंस को रद्द करने का आदेश देगा जो बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रेगुलेशन के प्रावधानों के तहत बंद हो जाएगा.


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