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पंडित मदन मोहन मालवीय एवं अटल बिहारी वाजपेई की जयंती आज, प्रज्ञ समाज ने किया कार्यक्रम का आयोजन

पंडित मदन मोहन मालवीय एवं अटल बिहारी वाजपेई की जयंती आज, प्रज्ञ समाज ने किया कार्यक्रम का आयोजन

PATNA : आज प्रज्ञ समाज समन्वय समिति के तत्वावधान मे भारत सेवक समाज सभागार,दरोगा राय पथ पटना मे भारत रत्न महामना स्व0 पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती बड़ी ही धूम धाम से मनायी गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय बहुभाषीय ब्राह्मण महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पं. राजेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में हुई। कार्यक्रम का संचालन (अधिवक्ता) रामानुज तिवारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ,हम के प्रदेश  मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी,जाप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं संगठन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रजनीश कुमार तिवारी ने द्वीप प्रज्वलित कर एवं इन दोनों महान विभूतियों के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

भारत रत्न काशी विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना स्व0 पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी जयंती के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजेन्द्र तिवारी,पं राधा बिहारी ओझा,ब्रजेश मिश्रा, हरेन्द्र उपाध्याय,नवनीत दूबे,सौरभ मिश्रा,निगम बाबा, कुंदन लाल शहगल,प्रमोद चौबे,अशोक तिवारी आदि उपस्तिथ वक्ताओ ने अपने अपने विचारो को रखा और इनके द्वार किये गये कार्यो को  जन-जन तक पहुचाने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर संगठन के युवा प्रदेश अध्यक्ष एवं जाप प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने कहा कि भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की कीर्ति एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के कार्यों पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया गर्व करता है. किस तरीके से अभाव में एक-एक रुपये चंदा कर कर पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा संस्थान खड़ा कर दिया. जिसमें आज सारे जाति धर्म मजहब समुदाय के लोग शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उसी तरीके से प्रखर वक्ता, कवि एवं एक बेहतर राजनेता के रूप में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने भारत को एक नई पहचान दिलाने का काम किया. उनके कार्यों से युवाओं को प्रेरणा मिलती है. इन महान विभूतियों के पद चिन्हों पर चलने का निर्णय हम सभी को लेना चाहिए।

रजनीश ने कहा की महामना मदन मोहन मालवीय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता तो थे ही. इस युग के आदर्श पुरुष भी थे। वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे. जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृ भाषा तथा भारतमाता की सेवा में अपना जीवन अर्पण करने वाले इस महामानव ने जिस विश्वविद्यालय की स्थापना की. उसमें उनकी परिकल्पना ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित करके देश सेवा के लिये तैयार करने की थी. जो देश का मस्तक गौरव से ऊँचा कर सकें. वे अपने व्यवहार में सदैव मृदुभाषी रहे. यही कारण है कि आज पूरे देश में इन दोनों महान विभूतियों का जयंती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है. देश भर में बड़े धूमधाम से विभिन्न संगठन एवं राजनीतिक दल के लोग इसको मनाते हैं। कार्यक्रम के संचालक रामानुज तिवारी ने मंचासीन सभी उपस्तिथ सम्मानित लोगों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया ।

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