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संघ के न्योते से मचे घमासान पर प्रणव मुखर्जी ने तोड़ी चुप्पी, बोले- नागपुर में दूंगा जवाब

संघ के न्योते से मचे घमासान पर प्रणव मुखर्जी ने तोड़ी चुप्पी, बोले- नागपुर में दूंगा जवाब

NEW DELHI :  संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर विवादों में घिरे पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने आलोचकों को आज जवाब दिया। आरएसएस के नागपुर में होने वाले कार्यक्रम में जाने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने चुप्पी तोड़ दी । पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह नागपुर में ही जवाब देंगे।  दरअसल कांग्रेस को कई नेताओँ ने संघ के न्योते को लेकर प्रणव मुखर्जी पर सवाल उठाये थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रणव मुखर्जी ने कहा, 'जो कुछ भी मुझे कहना है, मैं नागपुर में कहूंगा। मुझे कई पत्र आए और कई लोगों ने फोन किया, लेकिन मैंने किसी का जवाब नहीं दिया है।दरअसल जय राम रमेश और सीके जाफर शरीफ जैसे कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर कार्यक्रम में जाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को लिखा कि उन जैसे विद्वान और सेक्युलर व्यक्ति को आरएसएस के साथ किसी तरह की नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए। आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का देश के सेकुलर माहौल पर बहुत गलत असर पड़ेगा। वहीं केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथाला ने कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का पूर्व राष्ट्रपति का फैसला सेक्युलर विचारधारा के लोगों के लिए झटके की तरह है। चेन्नीथाला ने कहा प्रणव मुखर्जी को संघ के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए। 

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 जयराम रमेश ने कहा कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रणव मुखर्जी जैसे महान नेता, जिन्होंने हमारा मार्गदर्शन किया, अब आरएसएस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर जाएंगे। वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अब जब उन्होंने न्योते के स्वीकार कर लिया है तो इस पर बहस का कोई मतलब नहीं है कि उन्होंने क्यों स्वीकार किया। उससे ज्यादा अहम बात यह कहनी है कि सर आपने न्योते को स्वीकार किया है तो वहां जाइए और उन्हें बताइए कि उनकी विचारधारा में क्या खामी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ने आरएसएस के हेडक्वॉर्टर पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम के समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आने का न्योता स्वीकार कर लिया है। इसे लेकर कई कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुखर्जी का संघ का आमंत्रण स्वीकार करना एक अच्छी पहल है। राजनीतिक छुआछूत अच्छी बात नहीं है।  मुखर्जी नागपुर में 7 जून को आरएसएस के उन स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे, जिन्होंने संघ के शैक्षिक पाठ्यक्रम का तृतीय शिक्षा वर्ग पास किया है। इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर कार्यकर्ता पूर्णकालिक प्रचारक बनते हैं।

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