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ममता बनर्जी से प्रशांत किशोर का रिश्ता टूटने की कगार पर, टीएमसी में प्रशांत के खिलाफ गहरा रहा असंतोष

ममता बनर्जी से प्रशांत किशोर का रिश्ता टूटने की कगार पर, टीएमसी में प्रशांत के खिलाफ गहरा रहा असंतोष

पटना. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच तल्खी बढ़ गई है. दोनों के रिश्ते टूटने की कगार पर बताए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों के दौरान बंगाल में जिस प्रकार से प्रशांत किशोर को लेकर टीएससी नेताओं- कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद उभरे हैं, उससे प्रशांत किशोर और ममता के रिश्ते टूटने की औपचारिक घोषणा होना ही शेष दिखता है. 

दरअसल, पश्चिम बंगाल की 108 नगरपालिकाओं के लिए टीएससी के उम्मीदवारों के सूची जारी की गई है. इस सूची से कई टीएससी नेता नाराज बताए जा रहे हैं. यहाँ तक कि पिछले दो-तीन दिनों के दौरान नाराज और असंतुष्ट तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. राज्य में कई जगहों पर न सिर्फ प्रशांत किशोर के खिलाफ नारेबाजी की गई बल्कि टायर जलाकर विरोध जताया. 

प्रशांत किशोर के संगठन I-PAC के सुझाव पर नगरपालिकाओं के लिए उम्मीदवारों के नाम की सूची तैयार की गई. तृणमूल नेताओं का कहना है कि उम्मीदवारों के नाम को तय करने में पार्टी के नेताओं के सुझावों को दरकिनार किया गया. यहाँ तक कि कई ऐसे लोगों के नाम को शामिल किया गया है जो उस इलाके के प्रमुख तृणमूल नेताओं के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. या फिर उन्हें तृणमूल विरोधी माना जाता है. वहीं कई नेताओं के रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम को पूरी से दरकिनार कर दिया गया है. इसी कारण तृणमूल नेताओं ने अब प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यहाँ तक कि प्रशांत और टीएससी नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. 

टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी और पार्टी के अध्यक्ष सुब्रत बक्शी ने उनके द्वारा हस्ताक्षर की गयी उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची शुक्रवार शाम जारी की थी. वहीं पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर उम्मीदवारों की बिना हस्ताक्षर वाली एक अलग सूची जारी की गई जिसे कहा गया कि प्रशांत की आई-पैक ने अपलोड किया था. दोनों सूचियों में नामों की भिन्नता के बाद राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो गए. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘पार्थ चटर्जी तथा सुब्रत बक्शी द्वारा जारी उम्मीदवार सूची अंतिम है. सभी को खुश नहीं किया जा सकता. कुछ भ्रम हो गया था. उन्होंने प्रशांत के आई-पैक से श्ता खत्म होने पर ज्यादा कुछ नहीं कहा और इसे पार्टी का मसला नहीं बताया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आप हमसे सिर्फ पार्टी से संबंधित सवाल करें. 

टीएससी और आई-पैक के रिश्ते खत्म होने पर फ़िलहाल दोनों ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं एक लोकप्रिय बंगाला मीडिया के अनुसार प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी को यह कहते हुए टेक्स्ट किया कि आइ-पैक बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय में टीएमसी के साथ काम नहीं करना चाहता है. इसके जवाब में ममता ने लिखा, थैंक यू. हालाँकि आई-पैक ने ऐसी खबरों को निराधार कहा है. वहीं टीएससी की ओर से भी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. 

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पूर्व प्रशांत किशोर ने टीएससी को चुनावी रणनीति बनाने में मदद करने के लिए सहयोग देना शुरू किया था. विधानसभा चुनावों में टीएमसी को मिली जीत के बाद आई-पैक से टीएससी ने 2026 के विधानसभा चुनावों तक अनुबंध का विस्तार करने का फैसला किया. साथ ही पिछले कुछ महीनों के दौरान आई-पैक के सुझाव पर टीएमसी ने गोवा, मणिपुर में सांगठनिक विस्तार करना शुरू किया. लेकिन अब दोनों के बीच रिश्तों की तल्खी सामने आने की खबर है. 

यह पहला मौका नहीं है जब प्रशांत किशोर का किसी राजनीतिक दल से नाता टूटेगा. उन्होंने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर भाजपा की जीत सुनिश्चित कराने के लिया काम किया था. हालाँकि मोदी के पीएम बनने के बाद दोनों के रिश्ते टूट गये. वहीं 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय प्रशांत जदयू को सहयोग देने के लिए नीतीश कुमार के साथ आए. नीतीश मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने प्रशांत को जदयू का उपाध्यक्ष भी बना दिया लेकिन फिर दोनों के रिश्ते तल्ख हो गए. इसके अलावा प्रशांत ने कांग्रेस, अरविन्द केजरीवाल सहित कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर काम किया लेकिन सबके साथ रिश्ते टूटते गए.  अब प्रशांत और ममता के रिश्ते भी उसी कगार पर पहुँचते दिख रहे हैं. 


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