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PK के सामने खुला शिकायतों का पिटारा, अफसरशाही का सच आया सामने

PK के सामने खुला शिकायतों का पिटारा, अफसरशाही का सच आया सामने

PATNA : जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के सामने आज पहली ही बैठक में नीतीश सरकार की जमीनी हकीकत सामने आ गई. प्रशांत किशोर ने आज जेडीयू छात्र और युवा प्रकोष्ठ के तक़रीबन दो सौ प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया था. चर्चा संगठन के मुद्दे पर होनी थी लेकिन जब PK ने युवा साथियों से फीडबैक लेना शुरू किया तो सुशासन सरकार की जमीनी हकीकत सामने आ गई. 

शिकायतों का खुला पिटारा 

7 सर्कुलर आवास पर आज सुबह जैसे ही बैठक शुरू हुई, प्रशांत किशोर ने सबसे पहले पार्टी के छात्र और युवा इकाई के नेताओं से उनकी राय मांगी. PK का आदेश हुआ तो जेडीयू के युवा नेताओं का दर्द एक एक कर सामने आने लगा. जेडीयू के ज्यादातर युवा नेताओं का कहना था कि पार्टी के सरकार में रहने के बावजूद उनका कोई भी सरकारी काम नहीं होता है. 

कई युवा नेताओं ने बिहार में अफसरशाही हावी होने की बात कहते हुए यहाँ तक कहा डाला की जब हम अपने समर्थकों का कोई काम नहीं करवा सकते तो अगले चुनाव में उनके बीच कैसे जायेंगे. इतना ही नहीं प्रशांत किशोर के सामने छात्र और युवा इकाई के नेताओं ने मूल संगठन पर अपने साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया. युवा जेडीयू के कई नेताओं का कहना था कि पार्टी के जिलाध्यक्ष उन्हें तरजीह नहीं देते. छात्र इकाई के भी कई नेताओं को इस सौतेले बर्ताव पर मलाल था. 

प्रशांत किशोर ने दिया भरोसा 

अपने सामने शिकायतों का ढेर देखकर प्रशांत किशोर ने भी इन समस्याओं का जल्द हल निकालने का भरोसा दिया. PK ने तय किया कि जल्द ही सभी जिलों में पार्टी की समन्वय समिति काम करे. छात्र और युवा इकाई के जिलाध्यक्षों को संयोजक के तौर पर काम करने का टास्क तो दिया ही साथ ही साथ हर जिले में कम से कम एक ऐसे युवा नेता को प्रवक्ता के तौर पर काम करने को कहा गया जो बढ़िया वक्ता हो और पार्टी का स्टैंड मजबूती से मीडिया के सामने रख सके. प्रशांत किशोर ने छात्र इकाई के सभी जिलाध्यक्षों को एक सौ सक्रिय सदस्य और युवा जेडीयू के जिलाध्यक्षों को दो सौ क्रियाशील सदस्य बनाने का भी टास्क दिया. 

संगठन को सशक्त बनाने का टिप्स देते हुए प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी काम करने वाले कम से कम 20 से 25 युवा नेताओं को टिकट देगी. PK ने बैठक में मौजूद विधायक बशिष्ठ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री रामधनी सिंह की जगह उन्हें उम्मीदवार बनाया. प्रशांत किशोर ने युवा साथियों को भरोसा दिलाया कि जेडीयू परिवारवाद वाली पार्टी नहीं यहां केवल काम करने वाले लोगों को ही अवसर मिलता है. 

हालांकि PK ने यह भी कहा कि हम यहां पर काम करने आए हैं, टिकट लेने या चुनाव लड़ने नहीं. जाहिर है PK ने अपनी इस पहली घुट्टी से युवा टीम में उत्साह भरने का प्रयास किया लेकिन बिहार में हावी अफसरशाही को लेकर वह नीतीश कुमार को क्या फीडबैक देते हैं. 

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