PATNA: प्रशांत किशोर के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रशांत किशोर ने सफाई दी है. पीके ने कहा है कि यह कुछ नहीं, बल्कि एक व्यक्ति द्वारा अपने 2 मिनट की प्रसिद्धि हासिल करने के लिए यह दावा और शरारत है. कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूरी तरह से और तेजी से इस मामले की जांच करनी चाहिए ताकि सार्वजनिक तौर पर सच्चाई सामने आ सके.
दरअसल शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी. इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया. आरोपों की मानें तो उसी ने शाश्वत गौतम के प्रोजेक्ट (बिहार की बात) के सारे कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिए. इसके बाद प्रशांत किशोर ने उन सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया.
बताया जा रहा है कि शाश्वत गौतम ने पुलिस को साक्ष्य भी दिए हैं. उनका दावा है कि अपने कंटेंट के साथ उन्होंने वेबसाइट को जनवरी माह में ही रजिस्टर्ड करवाया था. जबकि प्रशांत किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में पंजीकृत करवाया.