PATNACITY. बिहार में अफसरशाही हावि है। ( BIHAR EDUCATION NEWS) छोटे पदाधिकारी अब बड़े (PATNA EDUCATION NEWS) अधिकारियों के आदेश को ही कुछ नही समझते है। तभी तो उनके आदेश को दरकिनार करते हुए अपना आदेश जारी कर देते हैं।
मामला पटना का है जहां सरकारी विद्यालयो में छात्रों के प्रबेश को लेकर प्रवेशोत्सव दिवस मनाया जा रहा है।यह प्रवेशोत्सव दिवस शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेशानुसार मनाया जा रहा है जिसके लिए बाकायदा प्रधान सचिव (CHIEF SECRETORY BIHAR) ने एक सरकारी पत्र ज्ञापंक संख्या 65/c निकाला जिसके माध्यम से प्रबेशसोत्सव दिवस में सभी शिक्षकों , प्रधानाचार्यो को सूचित भी कर दिया था। जिसमे यह लिखा हुआ था कि कोविड को लेकर पिछले एक साल से बच्चों की पढ़ाई बाधित है ,इसलिए कैचप कोर्स ( CATCH UP COURSE) कराया जाए और बच्चों की नामांकन को लेकर 8 मार्च से लेकर 20 मार्च तक विशेष प्रवेशोत्सव दिवस मनाते हुए बच्चों का नामंकन कराएं।
एक शिक्षक ने बताया कि इस विशेष दिवस में कोई और भी काम नामांकन के आलावे नही होगा,लेकिन अब शिक्षाविभाग के प्रधान सचिव के आदेश के प्रति की धज्जियां उड़ाते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरिश्चंद्र चौधरी ने अपना आदेश ज्ञापंक संख्या 208 पत्र जारी कर दिया है जिसमे आज सुबह 11 बजे से पटना सदर के सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्यो को एक मीटिंग में शामिल होने के लिए लिखा गया है।यह मीटिंग कुम्हरार स्थित मध्य विद्यालय में होना है।
उलझन में हैं स्कूल के संचालक
अब सोचने बाली बात यह है कि आखिर शिक्षक किनके आदेश को माने।अगर शिक्षक प्रधान सचिव के आदेश को दरकिनार करते हुए मीटिंग में शामिल होते है तो यह बिभाग के प्रधान सचिव की आदेश की अवहेलना मानी जाएगा,अगर नही होते है तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के आदेश की तौहीन मानी जाएगी। फिलहाल इन दोनों अधिकारियों के आदेश के बीचों बीच मे सारे शिक्षक पीस रहे है।अब देखने बाली बात यह होगी कि प्रधान सचिव के आदेश को चुनोती देने बाले पदाधिकारी की जीत होती है या फिर प्रधान सचिव का आदेश बरकरार रहता है,यह आज ही चंद समयों में पता चल जाएगा।