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बड़ी खबर: बिहार में NDA को फिर से बड़ा झटका देने की तैयारी, तीन सांसद महागठबंधन के पाले में जाने की कर ली तैयारी

बड़ी खबर: बिहार में NDA को फिर से बड़ा झटका देने की तैयारी, तीन सांसद महागठबंधन के पाले में जाने की कर ली तैयारी

PATNA :  बिहार की सत्ता से बेदखल होने के बाद बौखलायी बीजपी की एनडीए को एक बार फिर से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बड़ा झटका देने की तैयारी मे हैं। जिस तरह मे बिहार में सत्ता की कुर्सी से विपक्ष में बीजेपी को पहुंचाया गया। अब उसके बाद लोकसभा में भी एनडीए में टूट की पूरी योजना बना ली गई है। बताया जा रहा है किए बिहार से एनडीए के तीन सांसद जदयू और राजद का समर्थन कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार तीनों सांसदों के जल्द ही पाला बदलने की चर्चा है।

यह है वह तीनों सांसद

यहां जिन तीन सांसदों के महागठबंधन में जाने की चर्चा हैं, वह तीनों भाजपा से जुड़े नहीं है, बल्कि तीनों सांसद पशुपति पारस की लोजपा से हैं। पशुपति पारस के पास पांच सांसद हैं। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पशुपति पारस ने ऐलान किया था कि वह नरेंद्र मोदी के साथ हैं। लेकिन अब उनके पांच सांसदो में से तीन सांसद पारस के लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं। इन तीन सांसदों में खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर, वैशाली की सांसद बीणा देवी और नवादा सांसद चंदन सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है इन तीन सांसदों में महबूब अली कैसर राजद के साथ और बीणा देवी, चंदन सिंह जदयू के साथ जा सकते हैं। हालांकि तीनों सीधे तौर पर इन पार्टियों से नहीं जुड़ेंगे और सिर्फ समर्थन करेंगे। 


हो चुकी है बात, सिर्फ ऐलान बाकी

ऐसी खबरें सामने आई है कि तीनों सांसदों के महागठबंधन का समर्थन करने को लेकर पूरी योजना तैयार कर ली गई है। यहां तक कि जदयू अध्यक्ष के साथ दो दौर की बात भी पूरी हो गई है। जिसमें तीनों सांसद के महागठबंधन के साथ जाने की पूरी तैयारी है। बताया जा रहा है कि तीनों सांसद अभी पटना में है और देर शाम तक तीनों सांसद का एनडीए से अलग होने की औपचारिक घोषणा हो सकती है।

पारस को भी लगेगा झटका

अगर तीनों सांसद महागठबंधन के साथ जाते हैं तो सबसे बड़ा झटका पशुपति पारस को लगेगा। पिछले साल उन्होंने अपने भाई की पार्टी से बगावत कर भतीजे प्रिंस राज और इन्ही तीन सांसदों के साथ अलग पार्टी बना ली थी। जिसकी बदौलत वह आज केंद्र में मंत्री भी बने है। अगर तीनों सांसद अलग होते हैं तो लोजपा में सिर्फ पासवान परिवार से जुड़े लोग ही रह जाएंगे, जिसमें पशुपति पारस और प्रिंस राज के साथ चिराग पासवान ही रह जाएंगे। 


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