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बालू के अवैध खनन, भंडारण और बिक्री में नकेल कसने की तैयारी : धंधे से जुड़े 10 संदिग्ध लोगों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार

बालू के अवैध खनन, भंडारण और बिक्री में नकेल कसने की तैयारी : धंधे से जुड़े 10 संदिग्ध लोगों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार

PATNA : बिहार में बालू के अवैध कमाई से जुड़े लोगों के खिलाफ सरकार की तरफ से लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले कुछ माह में बालू के धंधे में जुड़े आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। अब इस धंधे से जुड़े उन हाईप्रोफाइल चेहरे, समाजसेवी और नेता की बारी है। राज्य सरकार ने ऐसे सफेदपोश चेहरों के खिलाफ पूरी रिपोर्ट तैयार कराई है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में बालू खनन के जुड़े 10 बड़े संदिग्ध लोगों के नाम शामिल हैं। 

इस रिपोर्ट को सेंट्रल रेंज के पुलिस महानिदेशक(आईजी) के निर्देश पर बनी पांच टीमों ने बालू के अवैध कारोबार से जुड़े इन दस चेहरों के खिलाफ लंबी छानबीन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में आठ संदिग्धों की जांच रिपोर्ट 50 से अधिक पन्नों में है। वहीं, दो संदिग्धों की पत्नी और बच्चों की संपत्ति मिलाकर जांच रिपोर्ट 200 से अधिक पेज में तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में कई अचंभित करने वाले तथ्यों का भी जिक्र है। 

चार माह पहले भेजी गई थी रिपोर्ट

हालांकि, यह रिपोर्ट तत्कालीन आइजी संजय सिंह और तत्कालीन एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के कार्यालय में तैयार कर पिछले साल 30 नवंबर को भेजी गई थी।सूत्र बताते हैं कि कई स्तरों से होकर ये रिपोर्ट आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) तक पहुंच गई है। इन पर पीएमएलए (प्रिवेंशन आफ मनी लाउंङ्क्षड्रग एक्ट) 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई की रूपरेखा बनाई जा रही है।

दो एएसपी को दी गई थी जिम्मेदारी

तत्कालीन एसएसपी ने 10 संदिग्धों की जांच के लिए पांच टीमें बनाई थीं। इनमें से तीन टीमों का नेतृत्व दानापुर एएसपी सैयद इमरान मसूद कर रहे थे। वहीं, दो टीमें पालीगंज एएसपी अवधेश दीक्षित के नेतृत्व में जांच कर रही थी। टीम में इंस्पेक्टर और दारोगा संवर्ग के पुलिस अधिकारी शामिल किए गए थे।

ब्राडसन कंपनी से जुड़े हैं पांच नाम

 जांच की जद में आए 10 में से पांच संदिग्ध ब्राडसन कंपनी से जुड़े हैं। वहीं, एक संदिग्ध और उनके दो पुत्रों पर भी पैनी नजर रखने का निर्देश दिया गया था। ये संदिग्ध भी पहले ब्राडसन कंपनी का निदेशक था। बालू माफिया पर नकेल कसने की कार्रवाई शुरू होते ही उसने कंपनी से नाता तोड़ लिया।

एक संदिग्ध लड़ चुका है विधायक और सांसद का चुनाव

दानापुर एएसपी, सर्किल इंस्पेक्टर माशूक अली और थानाध्यक्ष अजीत कुमार साहा की टीम जिस संदिग्ध का ब्योरा खंगाल रही थी, वो पहले विधायक और सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान कितने रुपये खर्च किए, आमदनी का स्रोत क्या रहा, रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है। सूत्रों की मानें तो इस संदिग्ध के नाम पर काफी कम संपत्ति है, जबकि इन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के नाम से झारखंड में चार कंपनियां खोल रखी हैं। वहां भी बालू का कारोबार कर रहे हैं।

सात को मिले हैं सरकारी बॉडीगार्ड

रिपोर्ट मे जिन 10 संदिग्धों का जिक्र किया गया है। उनमें सात संदिग्धों के पास सरकारी अंगरक्षक हैं। पीएमएलए की कार्रवाई शुरू होने से पहले इनके बॉडीगार्ड हटा दिए जाएंगे। इसके लिए बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच की सुरक्षा समिति से रिपोर्ट मांगी जा रही है कि आखिर इन्हें किस आधार पर बाडीगार्ड मुहैया कराया गया। इनमें से कितनों को शुल्क लेकर अंगरक्षक प्रदान किया गया है और कितने मुफ्त में सेवा ले रहे हैं। 

अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज

सूत्र बताते हैं कि अधिकांश को जिला स्तर के अधिकारियों की सिफारिश पर निःशुल्क बॉडीगार्ड दिया गया है। संभव है कि कार्रवाई के घेरे में आए बालू माफिया को बॉडीगार्ड देने के लिए पैरवी करने वाले अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।


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