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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चखेंगे मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद, माननीयों को उपहार में भेजी जा रही 2500 किलो लीची

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चखेंगे मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद, माननीयों को उपहार में भेजी जा रही 2500 किलो लीची

मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर की शाही लीची के लोग दीवाने हैं । इसका नाम सुनते ही मुंह मे पानी आ जाता है। देश ही नहीं विदेशों में लोग इस लीची को पसंद करते हैं। भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी इस लीची के मुरीद हैं । हर वर्ष मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद चखते हैं। इस बार भी मुजफ्फरपुर से शाही लीची की खेप PMO भेजी जा रही है । जिला प्रशासन ने इसका जिम्मा राधा कृष्णा इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को सौंपा है । ये कम्पनी जिले के पताही में स्थित है जो यूनिक फ़ूड प्रोसेसिंग के नाम से भी जानी जाती है। यहां पर बगान से लीची को तोड़कर लाया जाता है। फिर इसे प्रोसेसिंग के तहत बेहतरीन फलों को छांटा जाता है। इसमे से जो सबसे अच्छे फल निकलकर आते हैं। उसे ही PMO के लिए भेजी जाएगी। 

रेफ्रिजरेटर वैन से जाएगी दिल्ली  : कम्पनी के MD आलोक केडिया ने बताया कि पिछले करीब 10 साल से PMO के लिए लीची भेज रहे हैं । कोरोना काल मे थोड़ी दिक्कत हुई थी । पर लीची फिर भी भेजी गई थी। इस बार 2500 KG लीची भेजने का निर्देश जिला प्रशासन से मिला है । जिसे तैयार कर पैकिंग किया जा रहा है। 27 मई को स्पेशल रेफ्रिजरेटर वैन से इसे दिल्ली भेजा जाएगा। इस वैन में लीची जस की तस रहती है। यानी जिस स्वरूप में हम बगान से तोड़कर लाते हैं। उसी प्रकार से ताजा रहती है । 

अलग-अलग बागानों से तोड़ते हैं : MD ने बताया कि अलग-अलग बागानों से लीची तोड़कर मंगाते हैं। इसे प्रोसेसिंग के जरिये अच्छे फल निकालते हैं। जिसकी पैकिंग की जाती है। हमलोग बगान चुनने में काफी सतर्कता और मानक का पालन करते हैं। वैसे बगान चुनते हैं, जिसमे रखरखाव अच्छे हो। बेहतर फल आते हों। लीची के पेड़ों की देखभाल की जाती हो। वैसे बागानों का चयन कर फल तुड़वाकर मंगाते हैं। फिर उसमें से भी बेहतर फलों को अलग किया जाता है। 

दिल्ली और पुणे से आते हैं विशेषज्ञ : उन्होंने कहा कि फलों के चयन के लिए और इसकी प्रोसेसिंग समेत अन्य कार्यों के लिए दिल्ली और पुणे से विशेषज्ञ बुलवाते हैं। उन्हें बगान में जाकर फल दिखाया जाता है। वे अपनी विशेषज्ञता के अनुसार फल और बगान का चयन करते हैं। उसी में से फल तोड़वाकर मंगाते हैं। इसके बाद विशेषज्ञ प्रोसेसिंग के दौरान भी मौजूद रहते हैं। पैकिंग और रखरखाव भी उन्हीं के देख-रेख में होता है।


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