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भारत के सबसे बड़े मंदिर में बन सकते हैं पुजारी, 20-30 वर्ष के युवाओं से मांगे गए आवेदन, यह होनी चाहिए योग्यता

भारत के सबसे बड़े मंदिर में बन सकते हैं पुजारी, 20-30 वर्ष के युवाओं से मांगे गए आवेदन, यह होनी चाहिए योग्यता

AYODHYA : अयोध्या में बन रहे देश के सबसे बड़े राम मंदिर में अब घूमने के साथ यहां पुजारी बनने का भी मौका मिल सकता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए नए अर्चकों (पुजारियों) की नियुक्ति होगी। राम नगरी में बन रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ट्रस्ट ने इच्छुक व्यक्तियों से अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन मांगे हैं।

अभ्यर्थियों के आवेदन के लिए ट्रस्ट ने अनेक शर्तें तय की हैं। इसके अनुसार आवेदक की आयु 20 से 30 वर्ष तक होनी चाहिए। वह पारंपरिक गुरुकुल से शिक्षित-दीक्षित हो। वह रामानंद संप्रदाय उपासना परंपरा का हो।

31 अक्टूबर तक आवेदन

ट्रस्ट रामलला के अर्चकों को बाकायदा प्रशिक्षण देगा। इसके लिए प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी। ट्रस्ट की ओर से जारी संदेश में बताया गया है कि प्रशिक्षण पाने के इच्छुक अभ्यर्थी 31 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करें। प्रशिक्षणोपरांत चयन प्रक्रिया के माध्यम से अर्चकों को रामलला की सेवा में स्वीकार किया जा सकेगा।

यह मिलेगी सुविधा और वेतन

आवेदक यदि अयोध्या परिक्षेत्र का होगा, तो उसे प्राथमिकता मिलेगी। विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार प्रशिक्षण काल में भोजन-आवास की व्यवस्था होगी। 20000 रुपये महीने भी दिए जाएंगे। तदुपरांत ट्रस्ट द्वारा ‘प्रशिक्षित अर्चक प्रमाण-पत्र’ दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण रामलला की सेवा का अनुबंध नहीं होगा।

इसके बाद अंतिम चयन प्रक्रिया होगी। रामानंद संप्रदाय सबसे बड़े हिंदू संप्रदायों में से एक है। इस संप्रदाय के अनुयायी भगवान राम की पूजा करते हैं। वे वैष्णव हैं और 15वीं सदी के धार्मिक और समाज सुधारक रामानंद के अनुयायी हैं।

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