प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास-भूगोल भारत और एशिया को जोड़ते हैं.यहां पीएम मोदी ने हिंदी में अपना भाषण दिया.इंडोनेशिया के एक दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को डिली, तिमोर-लेस्ते में एक दूतावास की स्थापना की घोषणा की और कहा कि यह इस बात का प्रतिबिंब है कि भारत आसियान और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है.विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 7 सितंबर 2023 को जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में, प्रधान मंत्री ने डिली, तिमोर-लेस्ते में भारतीय दूतावास स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की.इसमें कहा गया है, यह निर्णय आसियान को भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व और तिमोर-लेस्ते के साथ उसके संबंधों का प्रतिबिंब है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले का तिमोर-लेस्ते और आसियान सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.तिमोर-लेस्ते पूर्ण सदस्य बनने से पहले, 2022 में एक पर्यवेक्षक के रूप में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) में शामिल हुआ. गुरुवार सुबह मोदी ने जकार्ता में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय ब्लॉक भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बिंदु है. शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया और उससे पहले उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल हमने भारत-आसियान मैत्री दिवस मनाया और इसे व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया। हमारी साझेदारी चौथे दशक में पहुंच चुकी है, जो हमारे लिए सम्मान की बात है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करूंगा। मैं इसके आयोजन के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को बधाई देना चाहता हूं.
अपनी यात्रा के बाद इंडोनेशिया से स्वदेश रवाना हो गए.प्रधानमंत्री ने 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में कहा कि म्यांमार में भारत की नीति आसियान के पक्ष को ध्यान में रखती है. साथ ही एक पड़ोसी देश के तौर पर सीमाओं पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारत- आसियान कनेक्टिविटी को बढ़ाना भी हमारा फ़ोकस है.