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 बिहार मे शराबबंदी कानून कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के धन उगाही का साधन बन गया है: अरविन्द सिंह

 बिहार मे शराबबंदी कानून कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के धन उगाही का साधन बन गया है: अरविन्द सिंह

PATNA : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि बिहार मे  शराबबंदी कानून कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का धन उगाही का साधन बन गया है। जिसके चलते आम गरीब दलित और पिछड़ा वर्गों का शोषण और धन उगाही का एक साधन पुलिसिया तंत्र को मिल गया है। शराबबंदी कानून को बिहार में अगर अधिकारी इमानदारी से लागू रखते तो आज महिलाओं बच्चों और गरीबों का उत्थान का साधन बनता। लेकिन आज अधिकारियों का भ्रष्ट तंत्र इसको धन उगाही का साधन बना चुके हैं। अगर इन अधिकारियों की संपत्ति जांच किया जाए तो शराब बंदी कानून का पोल खुल जाएगा।

अरविन्द ने कहा है कि बिहार में जो दारोगा और इंस्पेक्टर का पुलिसिया तंत्र है। यह शराब बंदी कानून के जरिए गरीबों दलितों पिछड़ों से पुलिसिंया कर के रूप में वसूली कर रहे है। माफियाओं को संरक्षण देकर नकली शराब बिहार में इन्हीं भ्रष्ट तंत्र के संरक्षण में बिक रहे हैं। जिसका परिणाम है की जगह जगह दलित, पिछड़े और गरीबों की मृत्यु हो रही है। जो शराब पीकर के कानून विरोधी काम कर रहे हैं वह तो काल के गाल के शिकार बन रहे हैं। लेकिन जो उन पर निर्भर परिवार था। उनकी स्थिति बिहार में बहुत ही दु:खदाई हो जा रहा है। ना उनको सरकारी मदद पहुंच पा रही है ना उनको कोई और माध्यम से मदद पहुंच रहा है।

अरविन्द सिंह ने कहा की शराबबंदी कानून की एक बार पुनः समीक्षा होनी चाहिए। इसमें जो बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है माफियाओं का, भ्रष्ट अधिकारियों का, और भ्रष्ट राजनेताओं का। इसकी जांच कर इन सब पर कार्रवाई होनी चाहिए। इन सब का स्थान जेल के भीतर होना चाहिए। सिर्फ बिहार में कानून लागू कर देने से काम नहीं चलेगा। बिहार में सख्ती और इमानदारी से कानून को लागू करना पड़ेगा। सिर्फ आई वांश से काम चलने वाला बिहार में नहीं है। बिहार की जनता गांव गली में यह बात बोल रही हैं।

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