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पूर्णिया के "गाँधी" की अपराधियों ने चाकू मारकर की हत्या, छानबीन में जुटी पुलिस

पूर्णिया के "गाँधी" की अपराधियों ने चाकू मारकर की हत्या, छानबीन में जुटी पुलिस

PURNIA: गुरुवार को अपराधियों ने पूर्णिया के गांधी जी उर्फ़ लक्ष्मण पासवान की चाकू से गोदकर हत्या कर दी. घटना नवगछिया जिले के नारायणपुर पसराहा की है। अपराधियों ने उनकी हत्या कर उनसे उनकी स्कार्पियो गाड़ी भी लूट ली है। गाँधी जी के नाम से मशहूर लक्ष्मण पासवान जिले के हर कार्यक्रम में भाग लिया करते थे। लक्ष्मण पासवान उर्फ गाँधी जी पेशे से वाहन चालक थे और वाहन चलाकर ही अपना जीविकोपार्जन किया करते थे। 

घटना के सम्बन्ध में बताया जा रहा है कि बारात जाने के नाम पर पूर्णिया के नेवालाल चौक से गाड़ी भाड़ा कर अपराधी नवगछिया गए थे। पसराहा के समीप चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर स्कॉर्पियो गाड़ी लूटकर लाश गाड़ी से बाहर फेंककर  भाग गए। इस घटना के बाद कटिहार मोड़ से सटे ब्लाक कम्पाउड से सटे आनंद नगर उनके घर मातम पसरा हुआ है। 

लाश मिलने की खबर मिलते ही पूरे इलाक़े में सनसनी फैल गई। इसके बाद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना को दिया। थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल में जुट गए। उन्होंने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिये सदर अस्पताल पूर्णिया भेज दिया। घटना के बारे में थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि शव को देखकर लग रहा है कि मृतक की हत्या चाकू से गोदकर की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का खुलासा  हो पायेगा।

कौन थे लक्ष्मण पासवान 

लक्ष्मण पासवान उर्फ़ गांधीजी की उम्र 52 वर्ष थी। उन्होंने अपने जीवन काल मे 62 बार रक्तदान किया था। वे गांधीवादी विचार धारा के होने के साथ-साथ भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्य भी थे। जिले में होने वाले हर स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती के अवसर पर वे गांधीजी के रूप में हाथ में तिरंगा लिए घुमा करते थे। वे किसी से मिलते ही प्रणाम की जगह जय हिंद बोलते थे। कार्यक्रम में उनकी इसी वेशभूषा के वजह से सैकड़ो लोग उनके साथ फोटो खिंचवाते थे। गाँधी जी एक अच्छे इंसान भी थे। जिले में कहीं भी रक्तदान शिविर लगता था तो वे स्वेच्छा से रक्तदान करने पहुँच जाते थे। आज उनकी हत्या से पूरा शहर स्तब्ध है। 

पूर्णिया से श्याम नन्दन की रिपोर्ट 

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