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पूर्णिया का श्रम अधीक्षक 55 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी ब्यूरो की कार्रवाई

पूर्णिया का श्रम अधीक्षक 55 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी ब्यूरो की कार्रवाई

PATNA: निगरानी ब्यूरो ने रिश्वतखोर अधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पूर्णिया के श्रम अधीक्षक आलोक रंजन को रिश्वत लेते निगरानी टीम ने पकड़ा है। जानकारी के अनुसार निगरानी धावा दल ने श्रम अधीक्षक को उनके दफ्तर से ही गिरफ्तार कर लिया।

श्रम अधीक्षक 55 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

दरअसल विजय कुमार नाम के एक व्यवसायी ने निगरानी विभाग को शिकायत की थी कि पूर्णिया के श्रम अधीक्षक कुमार आलोक रंजन द्वारा उनसे पुराने भुगतान हेतु 55 हजार रुपए बतौर रिश्वत मांगे गए थे। शिकायत पाने के बाद निगरानी विभाग ने नजर श्रम अधीक्षक पर रखनी शुरू की। इसी बीच जाल बिछाकर श्रम अधीक्षक के साथ उनके सहयोगी मनोज कुमार, जो पैसे का लेनदेन करता था, उन्हें रिश्वत के 55 हजार लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। निगरानी ब्यूरो ने श्रम अधीक्षक के अलावे एक चपरासी मनोज कुमार को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार एक शख्स से फाईल निबटाने को लेकर श्रम अधीक्षक आलोक रंजन 55 हजार रू रिश्वत ले रहा था। निगरानी धावा दल ने रंगे हाथ अफसर और एक अन्य कर्मी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद निगरानी ब्यूरो की टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है। 

इस संबंध में निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान ने बताया कि विजय कुमार द्वारा यह आवेदन दिया गया था कि उनके बकाया राशि को जमा करने के लिए जब वह श्रम विभाग के कार्यालय गए, तो श्रम अधीक्षक ने उन्हें बताया कि वह जाकर विभाग के अन्य कर्मी मुकेश कुमार से संपर्क करें। मनोज कुमार ने इस राशि के भुगतान के लिए ₹50000 बतौर रिश्वत और ₹5000 खुद के जेब में रखने के लिए मांगे। करीब 2 लाख की भुगतान राशि के अतिरिक्त 55 हजार की रिश्वत श्रम अधीक्षक को महंगी पड़ गई। विजिलेंस ने जाल बिछाकर विजय कुमार द्वारा ₹55000 उन्हें देने को कहा और जैसे ही विजय कुमार ₹55000 उन तक पहुंचाया, निगरानी विभाग ने उसे धर दबोचा।


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