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कुख्यात डॉन पप्पू देव की मौत पर उठे सवाल, समर्थकों का आरोप पुलिस ने पीट-पीटकर कर दी हत्या

कुख्यात डॉन पप्पू देव की मौत पर उठे सवाल, समर्थकों का आरोप पुलिस ने पीट-पीटकर कर दी हत्या

पटना. अंडरवर्ल्ड डॉन पप्पू देव की पुलिस हिरासत में हुई मौत अब सवालों के घेरे में है. पप्पू के समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने बेरहमी से पप्पू देव की पिटाई की जिस वजह से उनकी मौत हो गई. सोशल मीडिया पर पप्पू की कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जिसमें उसके शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान दिख रहे हैं. समर्थकों का कहना है ये निशान पुलिस हिरासत में पप्पू देव की हुई बेहरमी से पिटाई के हैं. 

वहीं पुलिस सूत्रों की ओर से कहा गया है शनिवार शाम पप्पू देव अपने कुछ समर्थकों के साथ सहरसा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में एक जमीन की जबरन घेराबंदी कराने पहुंचा था. हालाँकि इसी दौरान पुलिस को इसकी भनक लगी और पुलिस ने छापेमारी कर दी. बाद में पप्पू देव को हिरासत में लिया गया और देर रात उसे हर्ट अटैक आया. अस्पताल में दाखिल कराने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके पास से बड़ी संख्या में हथियार भी मिले हैं. 

दूसरी ओर पप्पू देव कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं. मृतक के शरीर पर जांघ, पैर, हाथ आदि पर निशान दिख रहे हैं. समर्थक इसे पुलिस की पिटाई से उभरे निशान बता रहे हैं. समर्थक इसे पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से पप्पू देव की गई हत्या. निशान को लाठी डंडों से हुई पिटाई से उभरा निशान कहा जा रहा है. पप्पू की मौत की खबर सुनते ही रविवार सुबह से ही अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी. मौत को लेकर लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं. अधिकांश लोग इसे पुलिसिया जुल्म बता रहे हैं और मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की जा रही है. हालाँकि अभी तक पुलिस की ओर से उसकी मौत पर कोई आधिकारिक बयान और आरोपों पर कोई सफाई नहीं दी गई है. 

पप्पू देव सन 1990 के दशक से ही सहरसा और सीमांचल के कई जिलों में आंतक का दूसरा नाम रहा है. उस पर पड़ोसी देश नेपाल में भी अपहरण की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगा था. कुछ वर्ष पूर्व हुई गिरफ्तारी के बाद फ़िलहाल वह जमानत पर बाहर था. अपराध से राजनीति की दुनिया तक पप्पू देव ने हाथ आजमाए थे. हालाँकि वह विधायक नहीं बना लेकिन अपने समर्थकों के बीच विधायक जी के नाम से मशहूर था.  उस पर कोसी के इलाके में 150 से ज्यादा हत्या, रंगदारी, अपहरण आदि के आरोप में मामले दर्ज थे. पूर्व सांसद आनंद मोहन और पप्पू यादव से भी पप्पू देव के छतीस के रिश्ते कहे जाते हैं. 2000 के दशक में नेपाल के बड़े व्मुयवसायी तुलसी अग्रवाल और फ्फरपुर में सब रजिस्ट्रार सुरदेव नारायण सिंह के अपहरण के मामले में पप्पू देव काफी चर्चित रहा था. वहीं 2003 में 50 लाख रुपए के जाली नोट के साथ उसे नेपाल में गिरफ्तार किया गया था.

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