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ड्राइवरों के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, कांग्रेस ने मोदी सरकार के आदेश को बताया लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार

ड्राइवरों के समर्थन में उतरे राहुल गांधी, कांग्रेस ने मोदी सरकार के आदेश को बताया लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार

DESK. हिट एंड रन के कानून में हुए बदलाव के बाद देश भर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है. पेट्रोल डीजल से लेकर सब्जियों की आपूर्ति तक ठप हो गई है. इससे देश में रोजमर्रा की जरूरत की सामग्री की कमी देखने को मिलने लगी है. इस बीच ड्राइवरों की इस हड़ताल पर अब कांग्रेस की ओर से बड़ा बयान आया है. राहुल गांधी ने मंगलवार को इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने देश में अचानक उत्पन्न हुई इस परेशानी के लिए मोदी सरकार की कथित तानाशही नीति को जिम्मेदार ठहराया है. 

राहुल ने सोशल मीडिया पर ड्राइवरों की चिंताओं पर गम्भीरता जताते हुए लिखा, ‘बिना प्रभावित वर्ग से चर्चा और बिना विपक्ष से संवाद के कानून बनाने की ज़िद लोकतंत्र की आत्मा पर निरंतर प्रहार है। जब 150 से अधिक सांसद निलंबित थे, तब संसद में शहंशाह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, ड्राइवर्स के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं। उन्होंने आगे लिखा, सीमित कमाई वाले इस मेहनती वर्ग को कठोर कानूनी भट्टी में झोंकना उनकी जीवनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। और साथ ही, इस कानून का दुरुपयोग संगठित भ्रष्टाचार के साथ ‘वसूली तंत्र’ को बढ़ावा दे सकता है। लोकतंत्र को चाबुक से चलाने वाली सरकार ‘शहंशाह के फरमान’ और ‘न्याय’ के बीच का फर्क भूल चुकी है।‘

क्या है हिट एंड रन : केंद्र सरकार ने हिट एंड रन को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि, इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था. लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी को अब दस साल जेल में रहना होगा. हालांकि, घायल को अस्पताल पहुंचाने पर कुछ रियायत का प्रावधान है. ट्रक और डंपर चालक इस कानून का ही विरोध कर रहे हैं.

अब तक हादसा होने पर ड्राइवरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304ए यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता रहा है, लेकिन नए कानून में मौके से फरार होने वाले ड्राइवर के खिलाफ 104(2) के तहत केस दर्ज होगा. पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित ना करने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा.

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