DESK : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की फिर से सत्ता में वापसी को लेकर राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर है। जिसको लेकर अब कहा जा रहा है कि उनकी यह यात्रा निर्धारित समय से लगभग 10 दिन पहले ही समाप्त किया जा सकता है।
माना जा रहा है कि जिस तरह से बड़े नेताओं के एक के बाद पार्टी से छोड़ते जा रहे हैं। बाबा सिद्दिकी कांग्रेस छोड़ चुके हैं, प्रमोद आचार्य को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है। कमलनाथ और नवीन जिंदल को लेकर भी खबर है कि वह भी पार्टी से नाखुश चल रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ न्याय यात्रा के कारण इंडी गठबंधन का बिखरता कुनबा और सीट बंटवारे को अमली जामा पहनाना भी यात्रा जल्द खत्म करने का बड़ा कारण बताया जा रहा है।
हालांकि पार्टी की ओर से हालांकि यह तर्क दिया जा रहा है कि यात्रा को 70 किलोमीटर प्रतिदिन तय करना था, जिसमें अब सौ किलोमीटर से ज्यादा का सफर प्रतिदिन तय किया जा रहा है। इसकी वजह से यात्रा अपने तय लक्ष्यों को जल्दी पूरा कर रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश में पार्टी अब 11 दिन के बजाय 6 से 7 दिन में ही अपनी यात्रा को समाप्त कर लेगी।
गठबंधन फार्मूला तय करने के लिए खरगे के साथ राहुल का होना जरूरी
पार्टी का मानना है कि गठबंधन को लेकर राष्ट्रीय गठबंधन समिति की तमाम बैठकों के बाद भी अब तक गठबंधन का फार्मूला तय नहीं हुआ है। इसलिए अब गठबंधन और सीट बंटवारे को अमली जामा पहनाने के लिए कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी का होना भी जरूरी है।