PATNA : बिहार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर स्थायी नियुक्ति के लिए हलचल बढ़ गयी
है। दिल्ली में 18 जून को कांग्रेस की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में बिहार
कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी समेत 15 नेता शामिल होंगे। कांग्रेस के
राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये बैठक बुलायी है। बिहार में पार्टी का अध्यक्ष
का पद अभी प्रभार में चल रहा है। सितम्बर 2017 में अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष
पद से हटा दिया गया था। उसके बाद कौकब कादरी को प्रभारी अध्यक्ष की जिम्मेवारी दी
गयी थी। तब से स्थायी अध्यक्ष तैनात करने का मामला लंबित है।
माना जा रहा है 18 जून की बैठक में स्थायी अध्यक्ष का नाम तय कर लिया जाएगा।
इस बैठक के बारे में प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी का कहना है कि यह बैठक संगठन को
मजबूत करने के लिए बुलायी गयी है। किस नेता को क्या भूमिका निभानी है, ये पार्टी
तय करती है। मैं अभी प्रदेश अध्यक्ष के प्रभार में हूं, जब तक ये जिम्मवारी मिली
है, काम करता रहूंगा।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार हैं। अशोक चौधरी को हटाये जाने
के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह को इस पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। फिलहाल वे
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं। उनकी दावेदारी अभी भी बनी हुई है। इसके अलावा
प्रेमचंद मिश्रा के नाम की भी चर्चा है। फिलहाल अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार में
कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल हैं। गुट के हिसाब से भी उनका पलड़ा
भारी माना जा रहा है। अगर अखिलेश प्रसाद सिंह अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो उनके गुट
के किसी नेता को ये जिम्मेवारी मिल सकती है। सदानंद सिंह कांग्रेस विधायक दल के
नेता हैं। वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। अखिलेश गुट को सदानंद सिंह खेमे की तरफ
से चुनौती मिल सकती है।
बिहार में पार्टी संठन को लेकर राहुल गांधी ने खुद फीडबैक हासिल किया है।
पार्टी में आंतरिक गुटबाजी पर नियंत्रण रखना सबसे मुश्किल काम है। जो भी फैसला
होगा वो 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर होगा।