CHAPRA : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के तत्वाधान में छपरा जंक्शन पर रेल कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। साथ ही कर्मियों ने धरना भी दिया। धरना को संबोधित करते हुए संघ के वरीय नेता एएच अंसारी ने कहा की कोरोना काल में भी रेल कर्मचारी अपनी जान की परवाह किए बिना युद्ध स्तर पर रात-दिन काम किये हैं। जिसमें हज़ारों कर्मचारी काल के गाल में समा गये।
उन्होंने कहा की केन्द्र की निरंकुश सरकार रोज़ मज़दूर विरोधी क़ानून बना रही है और कर्मचारियों की वाजिब हक नहीं दे रही है। हमारी मुख्य माँगों में- फ्रीज किए हुए मँहगाई भत्ता एवं राहत को तुरंत बहाल करना और जनवरी 2020 से इसके एरियर का भुगतान करना, डीए का भुगतान करना, कोरोना से मरे रेल कर्मचारियों को 25 लाख मुआवजे का शीध्र भुगतान करना, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की विसंगतियों का सुधार करना, रेलवे का निगमीकरण एवं नीजिकरण पर रोक लगाना, एनएफआईआर द्वारा सुझाए गये माँगों को शीध्र निपटारा करना एवं कर्मचारियों का शोषण बंद करना आदि है.
अंसारी ने बताया कि केन्द्र सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले, नहीं तो रेल कर्मचारी कभी भी रेल का चक्का जाम कर सकते हैं. हमारे केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह जोनल सचिव एनएफआईआर दिल्ली रमेश मिश्रा के अनुसार जेसीएम की बैठक कैबिनेट सेक्रेटरी भारत सरकार एवं रेल मंत्री भारत सरकार के साथ 26 जून को नई दिल्ली में प्रस्तावित है. जिसमें हमारे एनएफआईआर के महासचिव डा० एम राघवैया भाग लेंगे और कर्मचारियों का पक्ष मज़बूती से रखेंगे.
छपरा से संजय भारद्वाज की रिपोर्ट