NAWADA. बीते सोमवार को जलालपुर मोड़ से लगभग 1 किलोमीटर दूर जसौली के पास रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय एक ट्रैक्टर रेलवे ट्रैक पर फस गई थी थोड़ी देर में एक ट्रेन से ट्रैक्टर की टक्कर हो गई। हालांकि रेलवे पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए बड़ा हादसा होने रोक लिया था। घटना की जानकारी रेल प्रशासन के अधिकारियों को हुई और फिर आनन-फानन में लोगों ने बिना सोचे समझे रेलवे ट्रैक से होकर गुजरने वाले सभी सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। अब रेलवे के इस कदम से लगभग चालीस गांव के 1 लाख आबादी का आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है.
जिला मुख्यालय के पुलिस लाइन के पास से जलालपुर दरियापुर से नोखड़ा सहित कई गांव को जाने वाला मार्ग जलालपुर मोड़ के पास रेलवे ट्रैक से गुजरता है उसे भी रेलवे प्रशासन के अधिकारियों ने जेसीबी लगाकर सड़क मार्ग को गड्ढे में तब्दील कर दिया और के दूसरी तरफ रहे पुलिया को भी ध्वस्त कर दिया। मार्ग के अवरुद्ध होने से लगभग 70 से 80 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। लोग 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल सफर करने को मजबूर हुए हैं।
विडंबना की बात यह है कि दरियापुर गांव में एक निजी स्कूल संचालित होता है जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चे पढ़ाई करने को जाते हैं उन्हें भी ट्रक से होकर पैदल ही सफर करना पड़ रहा है दूसरी तरफ रोजमर्रा की कमाई के लिए शहर पहुंचने वाले कामगारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है महिलाएं अलग ही परेशान है।
याद आई छह साल पुरानी घटना
हालांकि ग्रामीणों की समस्या मुंह बाए खड़ी है लेकिन ग्रामीण इसे निजात दिलाने को गुहार भी नहीं लगा सकते कारण यह है कि लगभग 5 से 6 वर्ष पहले ट्रैक पर एक दुर्घटना हुई थी जिसके बाद रेलवे प्रशासन के अधिकारी गांव पहुंचे थे और ग्रामीणों से उनकी समस्या के समाधान को लेकर बातचीत करके हल निकालने का प्रयास किया था इस दौरान ग्रामीणों का नाम पता लिया गया था लेकिन ग्रामीणों को बेवकूफ बनाते हुए रेलवे प्रशासन ने उन लिखित नामों पर एफ आई आर दर्ज करा दिया था आज उस घटना को लेकर ग्रामीण काफी भयभीत हैं समस्या काफी बड़ी है लेकिन निदान कराने को कोई आगे आने को तैयार नहीं है सबके जेहन में पुरानी घटना का डर सता रहा है