BHAGALPUR : आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा को लेकर मचे बवाल असर भागलपुर जिले में भी देखने को मिला है। बीते गुरुवार को ,ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन भागलपुर जिला कमिटी द्वारा राज्य कमिटी के आह्वान पर रेलवे स्टेशन अंबेडकर चौक पर रेल मंत्री का पुतला दहन किया और छात्रों पर हो रहे बर्बर पुलिसिया दमन के खिलाफ आवाज बुलंद किया और सरकार से मांग की कि छात्रों पर पुलिसिया दमन अभिलंब बंद हो और दोषी पुलिस पदाधिकारी पर न्याय संगत कार्रवाई हो। वहीं जिले की इंटक ईकाई की तरफ से भी आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों व शिक्षकों पर केस को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
रेल मंत्री का पुतला दहन करने जुटे ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के सदस्यों ने सबसे पहले नुक्कड़ सभा की, जिसमें सभी ने एक मत में कहा कि जांच कमिटी के नाम पर रेलवे अभ्यर्थियों को ठगना नहीं चलेगा। एनटीपीसी के पदों पर 20 गुना संशोधित रिजल्ट जारी करना होगा। साथ ही ग्रुप डी में एक परीक्षा के पुराने नोटिफिकेशन पर परीक्षा तिथि निर्धारित करो व दो चरणों में परीक्षा लेने का निर्णय रद्द किया जाना चाहिए। संगठन ने कहा कि छात्रों पर पुलिसिया दमन बंद होना चाहिए। अन्यथा देश में चल रहे ऐतिहासिक आंदोलन के सीख के आधार पर चरणबद्ध आंदोलन संगठित करेंगे। इस कार्यक्रम में हरेंद्र कुमार, रंजना कुमारी, सरवन कुमार नीतीश कुमार, रितेश कुमार और राज्य अध्यक्ष रोशन कुमार रवि आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
जिला इंटक ने जताया विरोध
रेलवे अभ्यर्थियों की मांगो का समर्थन जिला इंटक ने भी किया है। इंटक नेता प्रकाश उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया बेरोजगारी इस देश के सामने एक बड़ी समस्या है। आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों व शिक्षकों पर केस दुर्भाग्यपूर्ण है। ओम प्रकाश उपाध्याय ने सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा की शिक्षकों व छात्रों पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन पर एफआईआर होनी चाहिए थी। क्यों रोटी मांगना गुनाह है? अधिकार मांगना गुनाह है?छात्र अपने देश की और अपने परिवार की उम्मीद है।
भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ कांग्रेस अहिंसा का मार्ग अपनाकर छात्र एवं शिक्षकों के हक में समर्थन देती हैं और देती रहेगी। हिंसा कांग्रेस का रास्ता नहीं है।यह सरकार की विफलताओं का नतीजा है कि गरीब व बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई दुर्भाग्यपूर्ण है।