डेस्क। रेलवे ने यात्रियों के हित में किराया वापसी नियम (रिफंड रूल) की रियायत अवधि में विस्तार किया है। अब लॉकडाउन के दौरान कैंसिल हुए ट्रेनों में जिन यात्रियों की टिकट के पैसे वापस नहीं ले सके हैं, उनके लिए तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। इस दौरान वह अपने टिकट का पूरा रिफंड हासिल कर सकते हैं।
विदित हो कि ट्रेन परिचालन के स्थगित होने की घोषणा के पूर्व नियमित ट्रेनों का आरक्षित यात्रा टिकट बुक करा चुके यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेल द्वारा टिकट वापसी नियमों में रियायत देते हुए यात्रा तिथि से अगले 06 माह तक फुल रिफंड प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई थी। लेकिन अब भी कई यात्री अपने पैसे वापस नहीं पा सके हैं। जिस देखते हुए 21 मार्च, 2020 से 31 जुलाई, 2020 तक की यात्रा अवधि वाले आरक्षित टिकट के फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियमों में रियायत की समय-सीमा में और 03 माह की वृद्धि की गई है ।
इस तरह से हासिल कर सकते हैं रिफंड
पीआरएस काउंटर द्वारा जारी टिकट
अब तक पीआरएस काउंटर के मामले में फुल रिफंड नहीं ले पाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए फुल रिफंड हेतु टिकट वापसी नियम में रियायत की समय-सीमा यात्रा तिथि से पूर्व के 06 माह से बढ़ाकर 09 माह कर दी गई है । फुल रिफंड के लिए रियायत की समय-सीमा में वृद्धि का लाभ पीआरएस काउंटर द्वारा 21.03.2020 से 31.07.2020 तक की यात्रा अवधि (Journey Period) के लिए जारी आरक्षित टिकटों पर लागू होगा ।
ई-टिकट : ई-टिकट के मामलों में स्वतः रिफंड (Auto refund) की व्यवस्था है।
आईआरसीटीसी की वेबसाईट तथा 139 द्वारा टिकटों का निरस्तीकरण:
पीआरएस काउंटर द्वारा जारी आरक्षित टिकट को 139 के माध्यम से अथवा आईआरसीटीसी की वेबसाईट द्वारा भी रद्द करने का प्रावधान है । ऐसे मामलों में टिकट रद्द करवाने के बाद आवश्यक सूचना उपलब्ध कराते हुए यात्रा तिथि से 09 माह के भीतर किसी भी पीआरएस काउंटर से रिफण्ड प्राप्त किया जा सकता है । वहीं
यात्रा तिथि से 06 माह की समाप्ति के बाद धन वापसी के लिए मुख्य दावा अधिकारी (रिफंड) अथवा मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/रिफंड के समक्ष टीडीआर/आवेदन के साथ पीआरएस काउंटर द्वारा जारी मूल टिकट जमा करने वाले यात्री भी फुल रिफंड प्राप्त कर सकते हैं ।