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पूर्वोत्तर भारत की पहली और देश के सबसे आधुनिक सुविधाओं से लैस है राजगीर वाइल्ड जू सफारी, आज CM नीतीश करेंगे उद्घाटन

पूर्वोत्तर भारत की पहली और देश के सबसे आधुनिक सुविधाओं से लैस है राजगीर वाइल्ड जू सफारी, आज CM नीतीश करेंगे उद्घाटन

NALANDA/PATNA : जू में जंगली जानवरों को पिंजरे में बंद हुए कई बार देखा होगा। लेकिन अब जंगलों में यह जानवर खुले में किस प्रकार अपना जीवन बिताते हैं। इसे देखने का  बिहार में भी अब अवसर मिलने जा रहा है। आज सीएम नीतीश कुमार राजगीर में बने वाइल्ड जू सफारी का उद्घाटन करेंगे। बताया जा रहा है कि 176 करोड़ से निर्मित सफारी 191.2 हेक्टेयर में फैला यह जू सफारी पूर्वोत्तर भारत में इकलौता है। साथ ही यह भारत के दूसरे जू सफारी की तुलना में ज्यादा आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। जो पर्यटकों के जंगल के रोमांच को दोगुना कर देगा। 

भगवान श्रीकृष्ण के रथ के चक्कों का निशान व जैन मंदिरों को अपने गर्भ में छुपायी स्वर्णगिरि और विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मकुंड को गर्मजल की धार देने वाली वैभागिरि के बीच स्थित राजगीर की जू-सफारी 191.2 हेक्टेयर में फैली है।  यह राजगीर के पर्यटन स्थल में एक और नया आयाम जोड़ेगी। इसके कैम्पस के दो भवनों में रोमांच से भरपूर इंटरप्रिटेशन सेंटर, म्यूजियम, बटरफ्लाई पार्क, एम्फीथियेटर, बर्ड एवियरी, ऑडिटोरियम, ओरिएंटल सेंटर बनाये गये हैं। 

जबकि, जंगली क्षेत्र के खुले भाग में दहाड़ मारते बाघ, शेर, चीता, भालू, बार्किंग डियर व अन्य खुंखार वन्यजीव होंगे। वहीं दूसरी छोर पर मन को लभाने वाली दो हजार से अधिक प्रजातियों की एक से बढ़कर एक चटकीले रंगों से ओत-प्रोत तितलियां लोगों को आकर्षत करेंगी। इन नजरों को देखने वाले सैलानी बख्तरबंद गाड़ी में होंगे।

दूसरे सफारियों में नहीं दिखता चीता

राजगीर जू सफारी इसलिए भी खास है क्योंकि यहां चीते की रफ्तार को भी देखा जा सकता है। देश के किसी दूसरे सफारी में चीता नजर नहीं आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह काफी फुर्तीला होता है। वह किसी पेड़ अथवा ऊंचे स्थानों पर चढ़कर कैम्पस से बाहर का रुख भी करता है। यही कारण है कि इसके आवासन व विचरण स्थलों की सुरक्षा दीवारों से काफी दूर तक पेड़ नहीं होते हैं।

वॉच टावरों से पूरे सफारी पर होगी नजर

खूंखारों के विचरण स्थलों के बीच-बीच में कई वॉच टॉवर लगाये गये हैं। इससे पूरी सफारी की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही, सैलानी इसपर चढ़कर दो किलोमीटर दूरी की चीजों को स्पष्ट दिखाने वाली टेलीस्कोप की मदद से बाघ, शेर, चीता, भालू व अन्य जीवों के क्रियाकलाप को देख सकेंगे।

बेहतर अस्पताल 

सफारी में रहने वाले जानवरों के इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का पशु अस्पताल भी हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर बहाल हैं। पोस्टमार्टम की भी व्यवस्था है। जू सफारी से पर्यटकों का आवागमण बढ़ेगा। पर्यटक सीजन में यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इस जू सफारी से सालोंभर पर्यटक आएंगे। इससे यहां रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

5 प्रकार की सफारियां

112.80 हेक्टेयर में पांच वन्यजीवों बिअर, लियोपार्ड, टाइगर, लॉयन व हर्बीवोर सफारियां हैं। 7.87 हेक्टेयर में रिसेप्शन एंड ओरिएंटेशन जोन, 2.32 हेक्टेयर में पार्किंग, 3.13 में एवियरी एंड बटर फ्लाई जोन, 4.0 में मैनेजमेंट जोन, 61 हेक्टेयर में ग्रीन जोन होगा। स्काई जोन में पैगोडा, वाच टॉवर, नेचर कैम्प व वाकिंग ट्रेल होगा। सफारी निर्माण की स्वीकृति सरकार ने 6 अगस्त 2015 को दी थी। लर्निंग नेचर कंसल्टेंट के अभिषेक कुमार ने डिजाइन बनाया था।

गौरेया के आकार में बना है जू सफारी का डिजाइन

इस जू सफारी के डिजाइन को विशेष रूप से तैयार किया गया है। सफारी का आकार राज्य पक्षी गौरैया का रूप दिया गया है। बिहारी इतिहास के अनुरूप पारिस्थितिकी प्रणाली को पुनर्जीवित करना इसका थीम है। इस जू सफारी को डेवलप करने में 176 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जिसमें विशेष रूप से 3.31 हेक्टेयर में हिरण थीम आधारित रिसेप्शन काउंटर होगा। सैलानियों के लिए विशेष सुविधाओं से लैस वातानुकूलित बस होगी।


राजगीर जू-सफारी में ये वन्यजीव हैं :

सांभर : 08

हॉग डियर : 08

भौंकने वाला हिरण : 08

ब्लैक बक : 04

तेंदुआ : 02

भालू : 02

बाघ : 02

शेर : 06


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