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सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा बोले, 2017 में नीतीश ने वैचारिक संतुलन खोया था, अब जुबानी संतुलन खो बैठे हैं, तू-तड़ाक कर बोलते हैं

सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा बोले, 2017 में नीतीश ने वैचारिक संतुलन खोया था, अब जुबानी संतुलन खो बैठे हैं, तू-तड़ाक कर बोलते हैं

पटना... राज्यसभा सांसद और राजद के प्रवक्ता मनोझ झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2017 में वैचारिक संतुलन खो बैठे थे, और अब वो जुबानी संतुलन भी खो दिए हैं तू-तड़ाक कर बोलते हैं। हम लोगों का आग्रह है कि मुख्यमंत्री जी भाषाई मर्यादा का ख्याल रखंे। वहीं, सांसद मनोज झा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिहार के दस लाख लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं। सरकार को इसका समर्थन करना चाहिए था मगर वो लोग अट्हास कर रहे हैं। वो लोग कहते हंै कैसे देंगे नौकरी, हम कहते हंै दस लाख से अधिक पद रिक्त है।

नकारात्मक राजनीत कर रहा है एनडीए

पूरे देश में नकारात्मक राजनीति कर रहा है एनडीए। जोड़तोड़ की राजनीति को लगातार बढ़ावा देने का काम हर राज्य में एनडीए की ओर से किया जा रहा है। आप किसी भी प्रदेश को देख लें, जहां एनडीए की सरकार है, वहां स्थाई सरकार को गिराकर खुद सत्ता पर काबिज होना इनकी फितरत बन चुकी है। 

मुझसे ही डिबेट कर लीजिए

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 15 साल के कार्यकाल पर डिबेट करने की चुनौती दी। इस पर पलटवार करते हुए जेडीयू के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी की नीतीश से डिबेट करने की हैसियत नहीं है। अब इस मुद्दे पर सांसद मनोज झा ने पलटवार करते हुए कहा है कि किसी भी मुद्दों पर आप मुझसे डिबेट कर लीजिए। 

आज हम बुरे हैं, जबकि वो खुद चलकर हमारे पास आए थे

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को हम बुरे लग रहे थे, जबकि प्रदेश की राजनीति का इतिहास गवाह है, सीएम खुद चलकर हम लोगों के पास आए थे। हालाकि वो फिर उसी पाले में चले गए, जिनका दामन नीतीश ने छोड़ा था। 

बिहार को नई सोच नही चाहिए

प्रदेश में अब बिहार को नई सोच वाला युवा मुख्यमंत्री चाहिए। नीतीश कुमार के पास न तो अब सोच है और न वो विजन है। बिहार की विकास किसी से छुपी नहीं है, जहां नई बनी सड़क को एक साल में दोबारा बनाओ, बनी हुई पुल-पुलिया उद्घाटन से पहले ध्वस्त हो जाए। ये अगर विकास है तो ऐसा विकास नही चाहिए। 15 वर्ष में पहली बार इन्होंने यह कहा कि पूरा बिहार मेरा परिवार है ये गलत है कि पांच नौकरशाह उनका परिवार है।स्किल सर्वे के बारे में कहा गया 5300 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किया गया लेकिन हम कहते है 300 भी खर्च नही किया गया।


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