INDORE : देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप मे अपनी पहचान बनानेवाले इंदौर की जनता ने लोकसभा चुनाव में हैरान कर दिया है। यहां जनता में प्रत्याशियों के प्रति इतनी नाराजगी थी कि उन्होंने नोटा का बटन दबाना ज्यादा बेहतर समझा है। यहां करीब दो लाख प्रत्याशियों ने नोटा के साथ जाने का फैसला किया है और यह बीजेपी को छोड़ किसी भी प्रत्याशी से ज्यादा वोट हैं. यहां बीजेपी ने साढ़े नौ लाख से ज्यादा वोटों की बढ़त है। जो कि किसी भी लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत हो सकती है। यहां राम विलास पासवान के सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का विश्व रिकॉर्ड टूट सकता है।
कांग्रेस के पास नहीं था कोई प्रत्याशी
इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने शंकर लालवानी को उम्मीदवार बनाया था। उनके मुकाबले कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को मौका दिया था। लेकिन नामांकन के अंतिम समय में उन्होंने वह बीजेपी में शामिल हो गए और यह सीट खाली हो गया। जिसके बाद कोई ऐसा उम्मीदवार नहीं था जो कि भाजपा का मुकाबला करे और शंकर लालवानी की जीत निश्चित हो गई।
हालांकि, कांग्रेस ने यहां बीजेपी को सबक सिखाने के मकसद से NOTA का प्रचार खूब किया. शायद यही वजह है कि लगातार हो रही मतगणना के राउंड में NOTA को जमकर वोट मिल रहे हैं। अब तक 1,98 हजार से अधिक वोट मिल चुके हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी को 11 लाख के करीब वोट मिले हैं। दोनों के बीच वोटों का अंतर नौ लाख से अधिक है। माना जा रहा है कि देश में यह वोटों के हिसाब से यह सबसे बड़ी जीत हो सकती है।
लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि नोटा के वोट परिणाम में शामिल नहीं किये जाते हैं। जिस भी प्रत्याशी के वोट अधिक होंगे, उन्हें विजयी घोषित कर दिया जाएगा।