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रामायण सर्किट से जुड़े श्रृंगी ऋषि का आश्रम, सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने की मांग

रामायण सर्किट से जुड़े श्रृंगी ऋषि का आश्रम, सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने की मांग

PATNA : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तथा सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था और विश्वास के प्रतीक,भारत की संस्कृति के घोतक भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक वर्ष पूर्व किया गया था. जिसका निर्माण तीव्रगति  से हो रहा है. भगवान राम के जन्म से जुड़े लखीसराय सूर्यगढा के कजरा पहाड़ी पर स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम है. जहां श्रृंगी ऋषि का निवास हुआ करता था, जिसकी चर्चा रामायण में भी है. इसे रामायण सर्किट से जोड़ने की जरुरत है. कहा जाता है कश्यप पुत्र ऋषि विभांडक के पुत्र थे, श्रृंगी ऋषि जो काफी विद्वान थे. इन्होंने ही भगवान श्री राम के जन्म के लिए अश्वमेध यज्ञ तथा पत्रेष्ठि कामना यज्ञ कराया था, जिससे भगवान राम का जन्म हुआ था. कभी अंग प्रदेश में अकाल पड़ा था, तब अंग के राजा रोमपाद के कहने पर श्रृंगी ऋषि को किसी प्रकार अंग लाया गया था, जिससे अंग में वर्षा हुई थी और अकाल समाप्त हुआ था.

 बगैर जानकारी के श्रृंगी ऋषि को अंग ले जाने के कारण ऋषि विभांडक नाराज थे, उनके क्रोध को शांत करने के लिए अंग के राजा रोमपाद ने दत्तक पुत्री शांता से श्रृंगी ऋषि का विवाह करवा दिया था. शांता असल में राजा दशरथ की पुत्री थी. राजा रोमपाद को जब कोई संतान नहीं होता था तो राजा दशरथ ने अपने मित्र रोमपाद को अपनी पुत्री को गोद दिया था. कहा जाता है कि राजा दशरथ को जब कोई पुत्र नहीं हो रहे थे. तब महर्षि वशिष्ठ के कहने पर नंगे पांव राजा दशरथ श्रृंगी ऋषि आश्रम आकर उन्हें ले गए थे. श्रृंगी ऋषि ने ही अश्वमेध यज्ञ तथा पुत्रेष्ठि कामना यज्ञ कराया था. जिस यज्ञ की अग्नि से उत्पन्न खीर के खाने से राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न चारों भाइयों का जन्म हुआ था. बाद में चलकर राजा दशरथ स्वयं चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को लेकर श्रृंगी ऋषि आश्रम आए थे और जहां उनका मुंडन संस्कार किया गया था. 

पटेल ने कहा की श्रृंगी ऋषि आश्रम को तीर्थ स्थान घोषित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रामायण सर्किट से जोड़ा जाए. जिससे लोगों के आस्था और विश्वास के साथ श्री राम जन्मभूमि से बिहार का गहरा लगाव हो जाएगा. श्रृंगी ऋषि आश्रम सूर्यगढा कजरा के पहाड़ी क्षेत्र में काफी मनोरम स्थल पर स्थित है, जहां गर्म पानी का झरना है. जहाँ सालों भर जल प्रवाहित होता रहता है. हजारों लोग वहां स्नान करने के लिये आते है. साथ हीं आश्रम में स्थित शिवलिंग दर्शन तथा पूजा कर लोग अपनी मनोकामनायों को प्राप्त करते हैं. अब भगवान श्री राम के जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम से जुड़े स्थानों को जोड़ने के लिये बन रहे रामायण सर्किट से श्रृंगी ऋषि आश्रम को भी जोड़ने से इसकी महत्ता पर विशेष बल मिलेगा. साथ हीं धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विकास के साथ राज्य में पर्यटन क्षेत्र का विकास होगा. 

पटना से रंजन की रिपोर्ट

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