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रामचंद्र की 'सेना' में भगदड़! अब सेनापति ने भी छोड़ा साथ, RCP के खासमखास 'अभय कुशवाहा' का नेतृत्व के सामने सरेंडर

रामचंद्र की 'सेना' में भगदड़! अब सेनापति ने भी छोड़ा साथ, RCP के खासमखास 'अभय कुशवाहा' का नेतृत्व के सामने सरेंडर

PATNA: रामचंद्र की सेना में भगदड़ मची है। एक-एक कर आरसीपी सिंह के खासमखास पाला पदल रहे हैं। रामचंद्र बाबू के खेमे में सेना के बाद अब सेनापति भी मैदान छोड़कर भाग रहे. जिन पर सबसे अधिक भरोसा कर रहे थे वे नेता ही रातो-रात पाला बदलकर मुख्यधारा में शामिल हो गये. पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने भी आरसीपी सिंह का साथ छोड़ दिया है और नेतृत्व के सामने सरेंडर बोल दिया है। वे अब जेडीयू नेतृत्व के साथ हो गये हैं। इसके पहले भी रामचंद्र प्रसाद सिंह खेमे के कई चेहरे रातो-रात पाला बदल कर नेतृत्व के सामने सरेंडर कर दिया था। 

नेता का टिकट कटने के बाद खौफ में समर्थक 

 आरसीपी सिंह के मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के बाद पूर्व विधायक अभय कुशवाहा उनके सबसे नजदीकी हो गये थे। पटना में आरसीपी सिंह के सम्मान समारोह के बहाने शक्ति प्रदर्शन का जिम्मा अभय कुशवाहा के कंधो पर ही था। कुशवाहा ने पूरे पटना में होर्डिंग-पोस्टर लगाये थे, जिसमें अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर ही गायब कर दी थी। यहां तक की अभय कुशवाहा ने जेडीयू प्रदेश कार्यालय पर पोस्टर लगाकर नेतृत्व को खुली चुनौती दी थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की तस्वीर नहीं होने के बाद आनन-फानन में प्रदेश अध्यक्ष ने होर्डिंग्स हटवाया था। तब कहा गया था कि जिन लोगों ने ऐसा काम किया है उन पर कार्रवाई होगी। सिर्फ इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बिहार भ्रमण के दौरान भी अभय कुशवाहा साये की तरह साथ रहते थे। नजदीकी इतनी थी कि केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने अपना पीएस बनाने के लिए नाम प्रस्तावित किया था। लेकिन विरोधियों ने अभय कुशवाहा की केस कुंडली भारत सरकार में भेज दिया। इस वजह से वे केंद्रीय मंत्री का पीएस नहीं बन सके। कुछ महीनों तक अभय कुशवाहा अपने रामचंद्र के साथ रहे लेकिन जैसे ही सीएम नीतीश ने आरसीपी सिंह को तीसरी दफे राज्यसभा भेजने से इंकार किया, इसके बाद समर्थक डर गये हैं। ऐसे में अब वे लोग सुरक्षित रास्ते की तलाश में हैं। 

रामचंद्र के सेनापति का सरेंडर 

रामचंद्र की सेना में सेनापति की हैसियत रखने वाले अभय कुशवाहा आज विधानसभा में जेडीयू-बीजेपी उम्मीदवारों के नामांकन कार्यक्रम में दिखे। वे जेडीयू नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवा रहे थे। शायद मैसेज देने की कोशिश थी कि अब वे आरसीपी खेमे में नहीं हैं। खबर यह है कि 4 दिन पहले ही पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने नेतृत्व से मिलकर अपनी गलती स्वीकार कर ली है। इसके बाद नेतृत्व ने माफ कर दिया है। सिर्फ अभय कुशवाहा ही नहीं बल्कि आरसीपी सिंह खेमे के कई अन्य नेताओं ने भी पाला बदल लिया है। इनमें अंजनी कुमार, राजीव रंजन पटेल, परमहंस कुमार,चंदन सिंह शामिल हैं।

आरसीपी खेमे में अब गिने-चुने बचे समर्थक 

जानकार बताते हैं कि अब आरसीपी खेमे में मुट्ठी भर समर्थक बच गये हैं। वे भी सुरक्षित रास्ते की तलाश में हैं। जो लोग अभी भी आरसीपी खेमे में दिख रहे हैं उनमें बिशन सिंह बिट्टू,बिपीन यादव,कन्हैया सिंह समेत अन्य नाम हैं। बताया जाता है कि अगर आने वाले दिनों में इन लोगों ने सरेंडर नहीं किया तो प्रदेश नेतृत्व अनुशासनिक कार्रवाई कर सकता है। 



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