News4nation desk : अयोध्या में 28 साल में पहली बार टेंट के नीचे विराजमान रामलला अब जल्द ही बुलेटप्रूफ कॉटेज में शिफ्ट होंगे। मंदिर के निर्माण में शामिल इंजिनियर और आर्किटेक्ट की सलाह के बाद मूर्ति को शिफ्ट करने वाली जगह का चुनाव किया गया है।
उक्त जगह पर रामलला की मूर्ति को एक बुलेटप्रूफ फाइबर स्ट्रक्चर के नीचे रखा जाएगा। इसमें एक पारदर्शी ग्लास भी लगा होगा, जिससे श्रद्धालु रामलला के बेरोक-टोक दर्शन कर सकेंगे।
राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चंपत रायने बताया कि मंदिर का निर्माण गर्भगृह से होगा, इसलिए मूर्ति को शिफ्ट किए जाने की जरूरत होगी। मूर्ति को मंदिर परिसर के भीतर ही गर्भगृह से 150 मीटर की दूरी पर मानस भवन की ओर रखा जाएगा। एक बार जब गर्भगृह का निर्माण पूरा हो जाएगा, मूर्ति को वापस उसी जगह पर रख दिया जाएगा।
बता दें कि 20 फरवरी को राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक हुई थी, जिसमें महंतनृत्यगोपाल दासको ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया जबकि चंपत राय को महामंत्री बनाया गया। ट्रस्ट के नए अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास ने बताया था कि राम मंदिर का मॉडल वही रहेगा, लेकिन उसे और ऊंचा और चौड़ा करने के लिए प्रारूप में थोड़ा बहुत बदलाव होगा।