गया। रंगदारी नही देने अपराधियो ने सरेआम ठेकेदार को गोली मार दी है। फिलहाल गंभीर रूप से घायल ठेकेदार मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना रामपुर थाना क्षेत्र एपी कॉलोनी की बताई जा रही है। वहीं इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। घायल ठेकेदार का नाम संजीव कुमार बताया गया है। वहीं गोली मारनेवाले की पहचान शामू यादव के रूप में की गई है। जो गया के पूर्व डिप्टी मेयर का भतीजा बताया जा रहा है।
मामले में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गया शहर के एपी कालोनी में विख्यात जड़ी-बूटी कारोबारी कन्हाई साव के पौत्र का मकान बनवाने का काम ठेकेदार संजीव कुमार को दिया गया था। जिनसे गया के पूर्व डिप्टी मेयर जितेंद्र यादव उर्फ बच्चू यादव का भतीजा शामू यादव ने पांच लाख रुपया रंगदारी की मांग की थी। जिसे ठेकेदार ने देने से इनकार कर दिया।
ठेकेदार की हत्या की कोशिश
गया शहर के रामपुर थाना क्षेत्र में एक ठेकेदार सह कारोबारी संजीव कुमार को रंगदारी की मांग को लेकर दो गोली मारी गई। गंभीर हालत में संजीव को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है। घायल संजीव के बयान पर बच्चू यादव के भतीजा शामू यादव के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज की है।
काम बंद कराया
शहर के गेवालबीघा मोहल्ला के रहने वाले घायल संजीव कुमार ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि बुधवार की सुबह वे एपी कॉलोनी स्थित बच्चू यादव के मकान के बगल में कन्हाई साव के पौत्र राजा उर्फ अभिषेक कुमार का मकान बनवा रहे थे। उसी वक्त बच्चू यादव का भतीजा शामू यादव पिता स्व. सच्चू यादव जो कि चिरैयाटांड़ थाना रामपुर निवासी है, पिस्टल लेकर आया और कहा कि काम बंद करो और मकान मालिक से बात कराओ।संजीव के अनुसार उसने राजा उर्फ अभिषेक से बात कराने के लिए मोबाइल निकाला ही था कि शामू यादव ने पिस्टल से दो चक्र गोली चला दिया। जिससे एक गोली उसके गर्दन की बाएं तरफ लगी। उसने पुलिस को बताया कि गोली लगने के बाद वे गिर गए। गोली मारने के बाद शामू यादव फरार हो गया।
एक दिन पहले की थी पैसों की मांग
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में पुलिस को दिए बयान में घायल संजीव कुमार ने बताया है इस घटना को अंजाम देने के ठीक एक दिन पहले मंगलवार को घर बनवाने के एपी कालोनी स्थित घटनास्थल पर थे। तब शामू यादव नेआकर बोला था कि मकान मालिक से बात कराओ और पांच लाख रुपए दो नही तो काम बंद करो ।