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रंजीत रंजन बोली- जनता के पैसों को कालाधन बताने वाली मोदी सरकार का जाना तय

रंजीत रंजन बोली- जनता के पैसों को कालाधन बताने वाली मोदी सरकार का जाना तय

SUPAUL : सुपौल संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है। महागठबंधन की प्रत्‍याशी और कांग्रेस नेत्री रंजीत रंजन हर दिन दर्जनभर सभाएं कर मोदी और नीतीश सरकार की नाकामियों से जनता को अवगत करा रही हैं। इस कड़ी में आज उन्‍होंने प्रतापगंज के कई पंचायतों में नुक्‍कड़ व आम सभाएं की। जहां बड़ी संख्‍या लोग मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए रंजीत रंजन ने जनता से मोदी और नीतीश सरकार से सावधान रहने की अपील की।

रंजीत रंजन ने कहा कि जनता के पैसों को कालाधन बताने वाली मोदी सरकार का जाना तय है। उन्‍होंने कहा कि पिछली बार नरेंद्र मोदी ने देशभर में झूठा प्रचार कर कहा था कि कांग्रेस के पास काला धन है और उनकी सरकार बनी तो वे स्विस बैंक अकाउंट से काले धन को लाकर जनता के अकाउंट में 15 – 15 लाख डाल देंगे। उन्होंने कहा कि जनता उनके बहकावे में आ गई। लेकिन जब वे सत्ता में आये तो कालाधन तो लाया नहीं, लेकिन खून पसीने से कमाई करने वाली जनता के पैसे को ही कालाधन बता दिया।

उन्‍होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी कर पीएम मोदी ने कहा कि इससे कालाधन वापस भारत आ जायेगा, लेकिन एक रूपए भी विदेश से नहीं आया। उल्‍टे मोदी सरकार ने जनता के पैसे लूटने वाले अपने चोर दोस्‍तों को ही विदेश भेज दिया। याद करिये, उस वक्‍त महिलाएं और गरीब लोगों ने अपने बेटी की शादी, बच्‍चों की पढ़ाई जैसी चीजों के लिए पैसे जोड़े थे, जिसे इन्‍होंने बैंक में जमा करवाने का काम किया और फिर कहा कि आप अपने पैसे के लिए एटीएम की लाइन में लगें। 

रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह आज जिस कॉपरेटिव बैंक के डायरेक्‍टर हैं, वहां नोटबंदी के ठीक दो दिन पहले साढ़े 700 करोड़ रूपए जमा हुए। यानी अगर हर मिनट पैसों की गिनती हो तो भी इतने पैसे दो दिनों में नहीं गिने जा सकते हैं। आमतौर पर कॉपरेटिव बैंकों में एक करोड़ रूपए भी नहीं होते हैं। ये समझने की जरूरत है कि किसने नोटबंदी की आड़ में गरीबों के पैसों को काला बता कर उनके पैसे लूटने का काम किया।

उन्‍होंने कहा कि बीते पांच सालों में देश को उन्‍माद, नफरत और डर पैदा कर मोदी सरकार ने देश के संविधान और जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। इसलिए पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश है और मोदी सरकार की विदाई तय है।

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