PATNA: राष्ट्रीय वैश्य महासभा ने बदलते परिदृश्य में वैश्य और मीडिया की भूमिका को लेकर परिचर्चा आयोजित की थी. इस परिचर्चा में प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने कहा है कि दलों में वैचारिक मतभेद के बीच असहमति को मान्यता मिलनी चाहिए.
तय करना होगा गोलवलकर की विचारधारा के साथ हैं या गांधी की विचारधारा के साथ
सभा में बोलते हुए जयशंकर गुप्त ने कहा कि आपको तय करना होगा कि गोलवलकर की विचारधारा के साथ हैं या गांधी की विचारधारा के साथ. मीडिया की संरचना पर जयशंकर गुप्त ने स्पष्ट कहा कि वैश्य समाज के लोगों को मीडिया के क्षेत्र में भी आगे आना होगा. यह सच है कि मीडिया के मालिक वैश्य समाज के हैं, लेकिन संपादकीय टीम में वैश्यों की संख्या नगण्य है. इस पर भी हमें मंथन करना होगा.
सड़क पर करना होगा संघर्ष
परिचर्चा को संबोधित करते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि वैश्य समाज को सत्ता में हिस्सेदारी और भागीदारी के लिए सड़क पर संघर्ष करना होगा. वैश्य समाज को बदलाव की राजनीति के लिए आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि सड़क पर संघर्ष करने से व्यक्ति की सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ती है और इसी आधार पर राजनीतिक स्वीकार्यता भी मिलती है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति गुलाबचंद्र जयसवाल ने कहा कि शिक्षा ही सामाजिक बदलाव की कुंजी है. शिक्षा से समाज में राजनीतिक ताकत आयेगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक समीर कुमार महासेठ ने कहा कि सामाजिक एकता और संगठन के संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाया जाना चाहिए. कार्यक्रम के समन्यक व वरीय पत्रकार संजय वर्मा ने कहा इस तरह के आयोजन से समाज में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है. उन्होंने कार्यक्रम शामिल लोगों के प्रति आभार भी व्यक्त किया. संचालन पीके चौधरी ने किया. कार्यक्रम में अखिलेश जयसवाल, एसके जयसवाल, इरा जयसवाल, कमल नोपानी, रमेश गांधी आदी मौजूद थे.