PATNA: सीएम नीतीश कुमार ने अपने खास आरसीपी सिंह का राज्यसभा टिकट काट दिया। आने वाले दिनों में केंद्रीय मंत्री का पद भी जा सकता है। रामचंद्र प्रसाद सिंह 25 सालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं।रेल मंत्री रहने के दौरान आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के पीएस बने थे। तब से लेकर अब तक वे साथ हैं। आईएएस अधिकारी के पद से वीआरएस लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामचंद्र प्रसाद सिंह को राज्यसभा भेजा. 2010 से लेकर अब तक यानी 12 सालों से आरसीपी राज्यसभा सदस्य हैं. इस दौरान वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वर्तमान में वे केंद्रीय मंत्री हैं। आरसीपी सिंह की बिहार के सत्ता के गलियारे में जो 'चलती' थी वो किसी से छिपी हुई नहीं है। सरकार और पार्टी में नीतीश कुमार के बाद इनकी हैसियत नंबर-2 की थी। कहा जाता है कि जिसे चाहते थे सेट कर देते और न चाहने वालों को आउट कर देते थे। नबंर-2 की हैसियत वाले रामचंद्र बाबू के लिए पटना में सरकारी बड़ा बंगले की व्यवस्था कराई गई। सरकार आरसीपी सिंह के नाम पर बंगला अलॉट नहीं कर सकती थी, लिहाजा बीच का रास्ता निकाला गया। सरकारी बंगला जेडीयू के एक एमएलसी के नाम पर अलॉट किया गया। पर वो विधान पार्षद उस बंगले में कभी नहीं रहे। जेडीयू के 'रामचंद्र' के नाम से ही उस बंगले की पहचान है।
स्टैंड रोड स्थित सरकारी आलीशान बंगला है ठिकाना
पटना में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का आवासीय पता है 7-स्टैंड रोड...। यह आवास भव्य है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आवास इनके आवास से कुछ ही दूरी पर है। इनके अगल-बगल केवल मंत्रियों या जज का बंगला है। सालों से आरसीपी सिंह इसी बंगले में रह रहे हैं। वैसे तकनीकी रूप से यह बंगला आरसीपी सिंह के नाम पर नहीं है. सरकार ने यह बंगला सीएम नीतीश कुमार के खास एमएलसी संजय गांधी के नाम पर अलॉट कर रखा है। संजय गांधी पिछली दफे दोबारा विधान परिषद के लिए मनोनीत किये गये। लिहाजा वो बंगला आज भी उनके नाम पर ही है। रामचंद्र बाबू उसी बंगले में ठाठ से रहते हैं और अपनी राजनीति करते हैं। सोमवार को जब आरसीपी सिंह प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे तब भी वे उसी बंगले में मीडिया से बातचीत की थी।
क्या बंगला छोड़ेंगे आरसीपी सिंह ?
अब समझ सकते हैं, आरसीपी सिंह बिहार की सरकार में नहीं हैं। वे केंद्रीय मंत्री हैं, फिर भी सरकारी बंगले में शान से रह रहे। वैसे बिहार के कई नेता केंद्र में मंत्री हैं लेकिन वे लोग कहां किसी सरकारी बंगले में रहते हैं? नीतीश सरकार कहां उन मंत्रियों पर मेहरबान है ? लेकिन जिनके नाम पर बंगला अलॉट है और सरकार दोनों आरसीपी सिंह पर मेहरबान हैं। जानकार बताते हैं कि जिनके नाम पर बंगला अलॉट है वे नियमानुसार किसी दूसरे व्यक्ति को रहने के लिए बंगला नहीं दे सकते। लेकिन पटना में ऐसा हो रहा है, वो भी सत्ता के पक्ष के लोग कर रहे। अब राज्यसभा का टिकट कटने के बाद अब यह चर्चा तेज है कि क्या रामचंद्र बाबू सरकारी आलीशान बंगला छोड़ेंगे, या बंगला छोड़ने के लिए कहा जायेगा? वैसे जेडीयू के 2 अन्य नेताओं को भी सरकारी बंगला पसंद है।