दिल्ली. केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने इस्पात मंत्रालय से जुडी सरकारी और निजी कंपनियों को आत्मनिर्भर भारत में अपना यथासंभव योगदान देने के लिए प्रेरित किया है. सिंह ने कर्नाटक में अपने दौरे के तीसरे दिन जिंदल विजयनगर इस्पात संयंत्र और NMDC लौह अयस्क खान में कर्मचारियों से मुलाकात की और उन्हें आत्मनिर्भर भारत में अपना यथासंभव योगदान देने के लिए प्रेरित किया. सिंह ने जिंदल विजयनगर स्टील प्लांट की 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष की क्षमता विस्तार की आधारशिला रखी . उन्होंने कहा कि भारत में 300 मिलियन टन उत्पादन क्षमता प्राप्त करने में इससे मदद मिलेगी. विस्तार परियोजना से देश में उच्च गुणवत्ता स्टील की आपूर्ति बढ़ेगी. सिंह ने एक सशक्त भारत के निर्माण में JSW स्टील के योगदान की प्रशंसा की.
मंत्री ने इंसपायर स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में युवा खिलाडियों से मुलाकात की और उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया. बाद में वे NMDC दोनिमलाई खान पहुंचे जहाँ उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया और CISF द्वारा गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया. उन्होंने सिंटरिंग प्लांट-2 में भूमि पूजन किया. वर्तमान में एनएमडीसी डोनिमलाई खदान से 7 एमटीपीए लौह अयस्क का उत्पादन कर रहा है जिसे एसपी-1 द्वारा संसाधित किया जाता है। कुमारस्वामी लौह अयस्क खदान की क्षमता 7.0एमटीपीए है और भविष्य में इसे बढ़ाकर 10.0 एमटीपीए किया जाएगा।
कुमारस्वामी लौह अयस्क खदान से लौह अयस्क को संसाधित करने के लिए 7.0 एमटीपीए क्षमता के एसपी -2 स्क्रीनिंग प्लांट की स्थापना की जा रही है, जिसमें क्षमता को बढ़ाकर 10.0 एमटीपीए करने का प्रावधान है। ऐसे प्रावधान भी किए जा रहे हैं कि SP-2 KIOM और डोनिमलाई दोनों से लौह अयस्क को संसाधित कर सके। उन्होंने दोनिमलाई खान का दौरा किया और खनन मजदूरों से वार्तालाप किया. मंत्री ने परियोजना अधिकारियों से भी मुलाकात की और उन्हें पूरी लगन और निष्ठा से कंपनी और देश की सेवा करने को कहा.