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.....और खाली कुर्सियों को नीतीशगान सुनाते रहे आरसीपी सिंह

.....और खाली कुर्सियों को नीतीशगान सुनाते रहे आरसीपी सिंह

PATNA :  जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह खाली कुर्सियों को नीतीश कुमार का गुणगान सुनाते रहे। हाल ये था कि आरसीपी सिंह का भाषण सुनने के लिए कार्यक्रम में मुट्ठी भर लोग ही रह गए थे। जब कार्यक्रम शुरू हुआ था तब करीब 10 हजार लोगों की भीड़ थी। वहां तिल रखने की भी जगह नहीं थी। लेकिन कुछ ही देर में ये भीड़ बादलों की तरह छंटने लगी। 

10 हजार की भीड़ एक झटके में गायब

बुधवार को जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से बापू सभागार मे ग्रामीण चिकित्सकों का सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन में पूरे बिहार से करीब दस हजार ग्रामीण चिकित्सक शामिल हुए थे। इनको इस कार्यक्रम में यह कह कर बुलाया गया था कि सीएम नीतीश कुमार उनके लिए बड़ी घोषणा करने वाले हैं। ग्रामीण डॉक्टर इस उम्मीद में यहां आये थे कि शायद उनको सरकारी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन जैसे ही उन्हें मालूम हुआ कि सीएम नीतीश कुमार यहां नहीं आने वाले हैं तो उनकी उम्मीदों का दीया बुझ गया। उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ और वे बीच कार्यक्रम से उठ कर जाने लगे। जब भीड़ हॉल से निकल रही थी उस समय आरसीपी सिंह, वशिष्ठ नरायण सिंह सहित अन्य नेता वहां मौजूद थे।

धैर्य रखिए, नीतीश जी आपका काम करेंगे

आरसीपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आपकी सारी मांग जगह पर  पहुँचा दी जाएगी। आपलोग धैर्य रखिये। नीतीश जी ने आपको पहचान दी है। आपकी प्रारंभिक मांग पहले ही मान ली गयी है । आपको इलाज करने की मंजूरी दी गयी है। लेकिन अब आपलोग जल्दबाजी नहीं करें। आप A से सीधे z पर जाना चाहते हैं। आपलोग सीधे मांग करने लगें हैं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मेरे हवाले किया जाए। ऐसा नहीं होता। धीरे-धीरे आगे बढ़िए। सिर्फ वीर रस का भाषण करने से नहीं होता। व्यवस्था करनी होती है। पूरी संभावना है कि आपलोगो को सेवा में लिया जाएगा । लेकिन इसके लिए आपलोग सक्षम बनिये। आपको सिस्टम से जोड़ा गया है। धीरज धरने वाला ही ऊपर जाता है। नीतीश जी के नहीं आने से मायूस नहीं होइए। नीतीश जी आपके बारे में हमेशा सोचते हैं। आपके जीवन को बेहतर बनाने के लिए नीतीश जी काम करेंगे।

जदयू की ग्रामीण वोट बैंक पर नजर

झोला छाप डॉक्टरों को ग्रामीण चिकित्सक का दर्जा दे कर नीतीश कुमार ने एक बड़े समूह को अपनी तरफ खींचा है। पूरे बिहार में करीब चार लाख ग्रामीण चिकित्सक हैं। नीतीश सरकार ने अब इनके इलाज को मान्यता दे दी है। इनको इलाज के लिए पीएचसी में बकायदा ट्रेनिंग भी दी गयी है। अब नीतीश सरकार ने इतने बड़े समूह को सरकारी नौकरी की उम्मीद जगा दी है। जदयू की योजना है कि इन ग्रामीण चिकित्सकों की मदद से गांव –गांव के वोटरों को अपने पाले में किया जाए।

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