पटना... बिहार की सियासत में साल के पहले ही दिन ही घमासान मच गया, जब प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा दिया कि नीतीश कुमार महागठबंधन में आना चाहेंगे तो हम विचार करेंगे। बस फिर क्या था बिहार में सियासी घमासान मच गया है। हालाकि ये सुगबुगाहट चुनाव खत्म होने के साथ ही शुरू हो गया और इन कयासों को अरुणाचल प्रदेश कांड से और बल मिल गया। अब इन कयासों पर पूरी तरह से पूर्ण विराम लगाने में जदयू और भारतीय जनता पार्टी के नेता जुट गए हैं।
रविवार को जदयू की बैठक हुई, जिसमें कई बड़े बदलाव पर चर्चा चल रही है। इधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने राबड़ी और तेजस्वी यादव को जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि राजद चाहे हमें जितना ऑफर दे हम नहीं टूटेंगे। हम मजबूत थे और रहेंगे। जदूय के बयान के बाद भले ही कुछ दिनों तक विरोधियों के खेमें शांति हो जाए, लेकिन 10 तारीख को होने वाली बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
बता दें कि इससे पहले भी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा था कि बीजेपी और जदयू की दोस्ती दो दशक पुरानी है और हम इस दोस्ती को नहीं तोड़ सकते हैं। हालाकि सुशील मोदी बीच-बीच में इस तरह के बयान से विरोधियों को जवाब देते रहते हैं और सियासी घमासान को थामने का प्रयास भी करते रहते हैं।