PATNA : जदयू का राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक कई मायनों में खास रही है। जिसमें मुख्य रूप से पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पहचान दिलाने के साथ सीएम नीतीश कुमार को पीएम मेटेरियल के रूप में घोषित किया गया। लेकिन इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने संबोधन में पार्टी की अंदरुनी स्थिति की पूरी पोल खोल कर रख दी। उन्होंने सीधे सीधे कहा कि हमने सिर्फ सत्ता पर ध्यान दिया, संगठन पर नहीं, जिसका नतीजा हमारे सामने है। आरसीपी का इशारा विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 44 सीटों पर सिमट जाने से था।
पार्टी के अध्यक्ष रह चूके आरसीपी ने कहा जदयू की तुलना भाजपा से की। उन्होंने कहा कि भाजपा की 1925 में इस पार्टी की मेन थिंक टैंक आई। 90 साल में उनकी सरकार बन गई। वहीं 1934 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी बिहार में आई, मात्र 9 साल का अंतर है। लेकिन यह कहां है। ऐसा क्यों हुआ। ऐसा इसलिए हुआ कि हम मुद्दों पर रहे, व्यक्ति पर रहे, लेकिन कभी संगठन पर ध्यान नहीं दिया।
संगठन पर ध्यान देने की जरुरत
आरसीपी ने साफ कहा कि पार्टी को संगठन पर ध्यान देने की जरुरत है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ललन सिंह को तभी मजबूत मिलेगी, जब बूथ मजबूत होगा। बूथ मजबूत होगा तो संगठन मजबूत होगा। हमें यह निश्चित करना होगा कि हम हर बुथ पर जीत हासिल करें, तभी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
झारखंड यूपी पर फोकस
आरसीपी ने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड बना, लेकिन हम वहां नहीं है। जबकि पार्टी को वहां मजबूत होना चाहिए। ऐसा इसलिए कि हमने बूथ स्तर पर काम नहीं किया। हमारा फोकस होना चाहिए कि किस तरह झारखंड में पार्टी को आगे बढ़ाया जाए। आरसीपी ने इस दौरान यूपी चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला गलत था, जिसका नुकसान हमें हुआ। लेकिन, अब गलती सुधारने का समय है। हमें यह लक्ष्य लेकर चलना होगा कि कम से कम यूपी चुनाव में 13 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित हो, तभी हमारे नेता का सपना पूरा होगा।