NEWS4NATION DESK : जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा प्रावधान लाने की यूपी विधि आयोग की ओर से सिफारिश की गई है। राज्यविधि आयोग ने कहा है कि जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की जरुरत है। वहीं जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान की सिफारिश की है।
विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्य नाथ मित्तल ने इस मामले को लेकर गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी।
बताया जा रहा है कि 268 पेज की इस रिपोर्ट में बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया है। जिसे भारत के अलावा पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल आदि कानूनों को अध्ययन किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जबरदस्ती, धोखाधड़ी से, तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर धर्मांतरण को प्रतिबंधित किया गया है। अगर गलत तरीके से धर्मांतरण कराया गया है तो पीड़ित पक्ष इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है।
मामला सही पाये जाने पर एक साल से कम सजा नहीं होगी जबकि इसे पांच साल किया जा सकता है। इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है।
विधि आयोग ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश फ्रीडम आफ रिलीजन एक्ट 2019' का मसौदा भी तैयार कर उन्हें भेजा है। माना जा रहा है कि सरकार मसौदे पर विधिक राय लेकर इसे विधानसभा के अगले सत्र में विधेयक के रूप में लाएगी।
बता दें भाजपा पहले भी यह मुद्दा उठाती रही है।